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बंसल के बाद कौन होगा कांग्रेस का अगला चेहरा, कतार में कई लेकिन टक्कर का कोई नहीं Chandigarh News

लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा बैठक में बंसल ने कहा था कि अब वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। लेकिन उन्होंने नगर निगम चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाने की बात रखी थी।

By Edited By: Published: Mon, 12 Aug 2019 10:12 PM (IST)Updated: Tue, 13 Aug 2019 11:51 AM (IST)
बंसल के बाद कौन होगा कांग्रेस का अगला चेहरा, कतार में कई लेकिन टक्कर का कोई नहीं Chandigarh News
बंसल के बाद कौन होगा कांग्रेस का अगला चेहरा, कतार में कई लेकिन टक्कर का कोई नहीं Chandigarh News

चंडीगढ़ [राजेश ढल्ल]। पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल की घोषणा के बाद अब यह सवाल पैदा हो गया है कि अब अगले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का चेहरा कौन बनेगा। ऐसे में पार्टी के नेताओं में दावेदारों को लेकर संशय बन गया है क्योंकि पवन बंसल के मुकाबले का शहर में कोई भी अन्य नेता नहीं है जोकि उम्मीदवार बन सके। मालूम हो कि 4 अगस्त को लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा बैठक में बंसल ने कहा था कि अब वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। लेकिन उन्होंने नगर निगम चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाने की बात रखी थी। ऐसे में बंसल साल 2021 में होने वाले नगर निगम चुनाव में टिकट आवंटन में अहम भूमिका निभाएंगे।

कई नेताओं ने शुरू की रणनीति बनानी
बंसल द्वारा खुद चुनावी मैदान छोड़ने के बाद अब कई ऐसे नेता हैं जिन्होंने यह सोचना शुरू कर दिया है कि वह भी अगले चुनाव में दावेदार बन सकते हैं। इस समय शहर से इसलिए भी कोई बड़ा नाम सामने नहीं आ रहा है क्योंकि इसका बड़ा कारण यह है कि बंसल के अलावा कोई ऐसा दमदार नेता नहीं है जिसकी हाईकमान में अच्छी पहचान हो। प्रदीप छाबड़ा की भी कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद ही हाईकमान के नेताओं से पहचान बनी है। पवन बंसल साल 1992 से लगातार चंडीगढ़ सीट से पार्टी के उम्मीदवार बन रहे हैं। लेकिन साल 2014 और 2019 में वह लगातार दूसरी बार चुनाव हार चुके हैं।

मनीष तिवारी और नवजोत कौर शहर से लड़ना चाहती थी चुनाव
2019 के लोकसभा चुनाव में टिकट तय होने से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी और नवजोत कौर सिद्धू का नाम दावेदारों की सूची में शामिल था। दोनों ने शहर से टिकट लेने के लिए हाईकमान पर काफी दबाव भी बनाया था। ऐसे में यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि यह दोनों नेता फिर से चंडीगढ़ से टिकट लेने का प्रयास करेंगे। चंडीगढ़ में तिवारी गुट के नेता भी हैं। मनीष तिवारी इस समय आनंदपुर साहिब से सांसद हैं।

बंसल अपने बेटे को भी कर सकते है आगे
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि बंसल बेशक खुद चुनाव न लड़ें लेकिन बेटे को चुनावी मैदान में उतार सकते हैं। पवन बंसल के बेटे मनीष बंसल ने इस साल हुए चुनाव में प्रचार प्रसार में अहम भूमिका निभाई थी। इसके साथ ही मनीष बंसल की चंडीगढ़ कांग्रेस के नेताओं पर पकड़ भी है। यह माना जा रहा है कि पवन बंसल चंडीगढ़ कांग्रेस में अपनी सक्रियता जारी रखते हुए अपने बेटे के लिए राजनीतिक जमीन तैयार कर सकते हैं। निगम चुनाव में पवन बंसल अपने करीबियों को ज्यादा से ज्यादा टिकट दिलवाएंगे।

बंसल को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में मिल सकती है जगह
सोनिया गांधी के फिर से कांग्रेस के अध्यक्ष बनने के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि पवन बंसल को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह मिल सकती है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जल्द ही बड़ा फेरबदल होने जा रहा है।

 

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