जिनके घरों में राशन का Stock, वहीं कर रहे हैं Curfew में ढील का विरोधः वीपी सिंह बदनोर
प्रशासक ने कहा कि हमने अपने स्तर पर सब्जियों व फलों को घर-घर तक पहुंचाने की कोशिश की लेकिन ऐसे करने में सफल नहीं हुए।
चंडीगढ़, जेएनएन। शहर में कर्फ्यू में दी गई ढील की आलोचना उन्हीं लोगों ने की, जिनके घरों में राशन का स्टॉक जमा है। जरूरतमंद लोगों ने इसे सराहा है। यह कहना प्रशासक वीपी सिंह बदनोर का। बदनोर ने कहा कि हमारे सामने गंभीर समस्या है। शहर में लगे कर्फ्यू के दौरान प्रशासन का हर अफसर सैनिक के रूप में सहयोग कर रहा है। यह सहयोग आपस में है। यह बेहद नाजुक समय है और इसलिए कर्फ्यू जैसे कदम उठाए गए। शनिवार से दिन में आठ घटें दुकानें खोलने की रिलैक्सेशन देने का मतलब कई लोगों को समझ में नहीं आया। इसके खिलाफ कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दी गई।
प्रशासक ने कहा कि हमने अपने स्तर पर सब्जियों व फलों को घर-घर तक पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन ऐसे करने में सफल नहीं हुए। इतना बड़ा काम दो दिन के अंदर तैयारी के बावजूद पूरा नहीं हुआ। कॉलोनियों में बहुत सारी व्यवस्थाएं की गईं। चंडीगढ़ अकेला शहर नहीं है, मोहाली और पंचकूला को मिलाकर ट्राइसिटी बन जाता है। ऐसे में प्रशासन जो भी निर्णय ले रहा है, तीनों शहरों को ध्यान में रखकर लिया जाता है। हर रोज पंचकूला और मोहाली के अफसरों के साथ मीटिंग हो रही है और कई प्रकार की दिक्कतें दूर की जा रही हैं। लोगों की दिक्कतों को देखते हुए पहले दकानों को सुबह-शाम दो-दो घंटे खोलने का फैसला लिया औऱ बाद में इस अवधि को बढ़ाया गया। बहुत लोगों ने सराहना की और जिनके पास राशन व अन्य जरूरी सामाम होगा, उन्होंने इसकी आलोचना की।
वार रूम से रखी जाएगी शहर पर नजर
बदनोर ने कहा कि चंडीगढ़ की सेक्टर मार्केट में जरूरत का हर सामान मिल जाता है, इसलिए लोगों को गाड़ियों की परमिशन नहीं दी गई। यूटी सेक्रेटेरिएट में वार रूम से शहर पर नजर रखी जाएगी। दूध और सब्जियों की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। पंजाब में 94 हजार एनआरआई आए। अभी भी पता नहीं उनमें से कितने चंडीगढ़ आए। हालही में दुबई से आया एक युवक कोरोना पाजिटिव मिला। शहर के बाहरी इलाकों में दूध, सब्जियां पहुंचाना चुनौती है। लोग आगे आकर मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने कोविड फंड शुरू किया है। मैने खुद अपनी जेब से एक लाख रूपए दिए हैं। अफवाहों और नेगेटिव चीजों पर ध्यान न दें।
शहर में घूमेगी डॉक्टरों की मोबाइल टीम
इस दौरान एडवाइजर मनोज परिदा ने कहा कि कोई भी निर्णय प्रशासन में सभी अधिकारी मिलकर लेते हैं। केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि लॉकडाउन और कर्फ्यू के दौरान लोगों को जरूरी सामान की आपूर्ति बनाए रखनी हैं। प्रशासन अपने फैसले पर रिव्यू कर सकता है। शहर में डॉक्टरों की मोबाइल टीम घूमेगी। यह एक वार है, जिसके साथ सभी मिलकर लड़ेंगे। वहीं डीसी मंदीप सिंह बराड़ ने कहा कि 73000 लोगों के पास दो महीने एडवांस डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम का लाभ पहुंच गया है। पीजीआई डायरेक्टर जगतराम ने कहा कि प्रशासक ने पूरी टीम को तत्पर रखा है। पीजीआई ने अपनी ओपीडी को बंद रखने का निर्णय लिया है। साथ ही लोगों के लिए पीजीआई में टेस्टिंग की सुविधा शुरू की गई है।
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