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जहां लोगों को न्याय की उम्मीद, वहां थाना प्रभारी कर रहे खाकी दागदार

गुहार लगाने के लिए थाना पब्लिक विडो ऑनलाइन कई सुविधा उपलब्ध हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 09:58 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 06:07 AM (IST)
जहां लोगों को न्याय की उम्मीद, वहां थाना प्रभारी कर रहे खाकी दागदार
जहां लोगों को न्याय की उम्मीद, वहां थाना प्रभारी कर रहे खाकी दागदार

कुलदीप शुक्ला, चंडीगढ़ : शहर में पब्लिक को गुहार लगाने के लिए थाना, पब्लिक विडो, ऑनलाइन कई सुविधा उपलब्ध हैं। इनमें सबसे ज्यादा लोग अपने थाने में शिकायत दर्ज करवाते हैं। लेकिन लालच में कई पुलिस कर्मी फर्ज को भूलकर खाकी को दागदार करने में लगे हैं। इसमें मुलाजिमों के साथ थाने का नेतृत्व करने वाले प्रभारी भी शामिल हैं। तत्कालीन सेक्टर-34 थाने में तैनात इंस्पेक्टर राजेश शुक्ला, मौलीजागरां थाना प्रभारी रहते इंस्पेक्टर बलजीत सिंह, मनीमाजरा थाना प्रभारी रहते इंस्पेक्टर जसविदर कौर, सेक्टर-31 थाना प्रभारी रहते गुरजीत कौर के नाम भी रिश्वत कांड में सामने आ चुके हैं। इस पूरे मामले में पुलिस अधिकारी ऑफिशियल बयान देने से बचकर तुरंत विभागीय कार्रवाई करने की बात बोलकर पल्ला झाड़ रहे हैं। केस-1 : जून 2020

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धोखाधड़ी मामले के आरोपित को बचाने के एवज में पांच लाख रुपये रिश्वत मांगने की आरोपित मनीमाजरा थाना प्रभारी जसविदर कौर को सीबीआइ केस दर्ज कर तलाश रही है। उनका ऑफिस और सेक्टर-22 स्थित मकान भी सील है। फरार चल रही जसविदर कौर को पुलिस विभाग ने सस्पेंड कर दिया है। इससे पहले भी सेक्टर-31 में थाना प्रभारी रहते जसविदर कौर को थाने में एडिशनल एचएसओ की रिश्वत कांड में गिरफ्तारी के बाद लाइन हाजिर किया गया था। केस-2 : जनवरी 2019

विकास नगर, मौलीजागरां स्थित अहाता संचालक के भतीजे को नशे के केस में फंसाने की धमकी देकर एक लाख रुपये रिश्वत मांगने वाले मौलीजागरां के थाना प्रभारी बलजीत सिंह, कांस्टेबल सुरेंदर दहिया को सीबीआइ ने थाने के अंदर से ही गिरफ्तार किया था। जबकि रूम में मौजूद तीसरा आरोपित कांस्टेबल प्रमोद मौके से फरार हो गया था। मामला कोर्ट चल रहा है। केस-3 : जनवरी 2019

हल्लोमाजरा में एक कबाड़ी की दुकान पर ट्रैप के दौरान सीबीआइ अधिकारी के पैर पर गाड़ी चढ़ाकर सेक्टर-31 थाने का एडिशनल एसएचओ सब इंस्पेक्टर राजवीर सिंह भाग गया था। इस मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी महिला इंस्पेक्टर गुरजीत कौर के खिलाफ रिश्वत मांगने की शिकायत सीबीआइ को मिली थी। इसके बाद विभाग ने गुरजीत कौर को लाइन हाजिर कर दिया था। केस-4 : सितंबर 2014

यूटी पुलिस की मंथली को उजागर करते हुए सीबीआइ ने थाना-34 के एसएचओ राजेश शुक्ला, सेक्टर-34 के बीट इंचार्ज हवलदार मुकेश और कांस्टेबल दिलबाज को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। राजेश शुक्ला पर सेक्टर-34 के पेड पार्किग व टैक्सी स्टैंड ठेकेदार ललित जोशी से रिश्वत लेने का आरोप है। मामला कोर्ट में चल रहा है। केस-5 : जून 2020

रिश्वत कांड में बिचौलिए को 10 हजार रुपये सहित गिरफ्तार कर सीबीआइ ने कांस्टेबल कृष्ण कुमार, शिव कुमार और नसीब खान के खिलाफ केस दर्ज किया था। तीनों पर मलोया निवासी दीपक को झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर रिश्वत मांगने का आरोप था। विभाग ने तीनों को सस्पेंड भी कर दिया है। बिचौलिए से 10 हजार रुपये की बरामदगी भी हुई थी।


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