शहर की सुंदरता पर क्लंक लगा रहे सड़क के गड्ढे, बीते दिनों चार लोग गवां चुके हैं जान Chandigarh news
सेक्टर-9 यूटी सचिवालय और चंडीगढ़ पुलिस हेड क्वार्टर के बिल्कुल सामने वाली सड़क पर ही कुल 103 बड़े गड्ढे हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। शहर की खस्ता हालत सड़कों की वजह से आए दिन लोगों की मौत हो रही है, लेकिन प्रशासन को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। शहर की सड़कों को छोड़ अगर सेक्टर-9 की सड़कों की बात की जाए तो जहां चंडीगढ़ प्रशासन के आला अधिकारी बैठते हैं वहां की सड़कों की हालत भी खस्ता है। सेक्टर-9 यूटी सचिवालय और चंडीगढ़ पुलिस हेड क्वार्टर के बिल्कुल सामने वाली सड़क पर ही कुल 103 बड़े गड्ढे हैं। ताज्जुब की बात है कि स्मार्ट सिटी के दावे करने वाले चंडीगढ़ प्रशासन के वरिष्ठ आइएएस अधिकारी अपने कार्यालय के बाहर की ही सड़के नहीं ठीक करवा पा रहे हैं। सचिवालय के सामने वाली सड़क से रोजाना आइएएस, आइपीएस और लीडरों का काफिला निकलता है। यहां तक कि जब पंजाब के गवर्नर एवं चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर यूटी सचिवालय में अमूमन अपनी बैठक के लिए आते हैं, तो उनका काफिला इसी सड़क से होकर गुजरता है। बावजूद इसके इस सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढों को प्रशासन ठीक नहीं करवा पा रहा है।
गवर्नर हाउस के बाहर की सड़कें बिल्कुल मेंटेन
दैनिक जागरण के संवाददाता ने बुधवार को पंजाब गवर्नर हाउस के बाहर की सड़कों का जायजा लिया। यहां की सड़कें एकदम मैंटेन थी। गवर्नर हाउस के सामने से गुजर रही 300 मीटर लंबे स्ट्रेच पर एक जगह भी गड्ढा नहीं था। यहां तक की एडवाइज मनोज कुमार परिदा के घर के बाहर की सड़कों पर जगह-जगह पैच वर्क कर गड्ढों को भरा हुआ था। सांसद किरण खेर के घर के बाहर भी सड़कों पर जो थोड़े बहुत गड्ढे थे, उन्हें पैच वर्क कर भर दिया गया था।
बीते 15 दिनों में सड़क हादसे में गई चार का जान
शहर में बीते 15 दिनों में सड़कों की खस्ता हालत की वजह से हुए हादसों में चार लोगों की मौत हो चुकी हैं। सवाल उठता है कि प्रशासन अधिकारी और राजनेता क्या सिर्फ अपनी सहूलियत पर ही ध्यान दे रहे हैं या फिर शहर की आम जनता जोकि रोजाना सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे से जूझती है, क्या उस ओर भी ध्यान दिया जाता है। शहर की सड़कों की दयनीय स्थिति देखकर यह नहीं लगता कि प्रशासन के आला अधिकारियों को शहर के लोगों की रत्ती भर भी चिंता है।
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