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पंजाब में जल संकट से निपटने को बनेगा वाटर रेगुलेटरी अथॉरिटी

पंजाब को जलसंकट से उबारने अौर स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए वाटर रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन किया जाएगा। इस बारे में विचार के लिए पांच मंत्रियों की कैबिनेट सब कमेटी बनाई गई है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 27 Jun 2018 11:57 PM (IST)Updated: Thu, 28 Jun 2018 09:06 AM (IST)
पंजाब में जल संकट से निपटने को बनेगा वाटर रेगुलेटरी अथॉरिटी

चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब को जल संकट से बचाने और हालत से निपटने के लिए वाटर रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन होगा। इस संबंध में विचार के लिए कैबिनेट की सब कमेटी बनाई गई है। भूजल विभाग ने प्रदेश में पानी को संभालने व इंडस्ट्री को अपनी स्थिति के अनुसार यूनिट लगाने के लिए वाटर रेगुलेटरी अथॉरिटी बनाने की सिफारिश की है। कैबिनेट ने पांच मंत्रियों पर आधारित सब कमेटी का गठन किया है।

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यह सब कमेटी विभाग के डायरेक्टर अरुणजीत सिंह मिगलानी की ओर से की गई सिफारिशों का अध्ययन करेगी और मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट देगी। इसके अलावा यह कमेटी इजरायल मॉडल का अध्ययन करने के लिए इजरायल भी जाएगी।

-गिरते भूजल पर इजराइल का मॉडल स्टडी करने जाएंगे पांच मंत्री, बनी कैबिनेट सब कमेटी

कमेटी में वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल, स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, सिंचाई मंत्री सुखबिंदर सिंह सरकारिया और पर्यावरण मंत्री ओपी सोनी शामिल हैं। इजरायल जाने वाली कमेटी में विभिन्न विभागों के कुछ अफसर भी शामिल किए गए हैं।

इजरायल से पंजाब के लिए जल संरक्षण योजना बनाकर देने को कहा जाएगा

गौरतलब है कि जिन ब्लॉकों में भूजल चिंतनीय स्तर तक गिर गया है, उनमें सेंट्रल ग्राउंड वाटर अथॉरिटी ने इंडस्ट्रियल यूनिट लगाने से मना कर दिया है। भूजल विभाग के डायरेक्टर ने कहा कि इससे पंजाब को और नुकसान होगा। पानी चूंकि स्टेट सब्जेक्ट है, इसलिए सेंट्रल ग्राउंड वाटर अथॉरिटी की तर्ज पर पंजाब को अपनी अथॉरिटी बनानी चाहिए।

धान का रकबा घटाने पर इन्सेंटिव का सुझाव

मिगलानी ने अपनी प्रेजेंटेशन में कहा कि भूजल का खतरा इतना बढ़ गया है कि पानी की एक-एक बूंद का आकलन करना जरूरी है और जहां तक संभव हो सके पानी को रीचार्ज करना होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि संगरूर, जालंधर, पटियाला, मोगा आदि जिलों में धान के रकबे को कम करने के लिए दूसरी फसलों के लिए किसानों को इन्सेंटिव देने को कहा है। इन हलकों में माइक्रो इरिगेशन को प्रोत्साहित किया जाए। इसके अलावा उन्होंने शहरों में इंडस्ट्री और सीवरेज के पानी को ट्रीट करने के लिए ईटीपी और एसटीपी को अपग्रेड करने के लिए लोकल बॉडी विभाग को अधिक से अधिक राशि देने को कहा।

साल के अंत तक चलेंगे सभी ट्रीटमेंट प्लांट: सिद्धू

ईटीपी और एसटीपी को अपग्रेड करने के सुझाव पर स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि उन्होंने 40 ट्रीटमेंट प्लांट चलवा दिए हैं और इस साल के अंत तक बाकी बचे सारे ट्रीटमेंट प्लांट चला दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ट्रीटमेंट के अभाव में ये सारा गंदा पानी नदियों में जा रहा है और दक्षिणी पंजाब और राजस्थान में पीने के पानी को प्रदूषित कर रहा है। लेकिन नदियों के पानी के प्रदूषित होने से ग्राउंड वाटर पर दबाव बढ़ रहा है।

इसके अलावा, सिद्धू ने गांवों में छप्पड़ों को फिर से वाटर रिचार्ज का साधन बनाने की बात कही, तो चरनजीत चन्नी ने भी उनका साथ दिया। उन्होंने कहा, छप्पड़ों पर कब्जे किए जा चुके हैं। इन्हें छुड़ाने के लिए काम सबसे पहले शुरू किया जाए।


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