अमृतसर हादसा.. जोड़ा फाटक पर लोगों का पुलिस पर पथराव, जवाब में लाठीचार्ज
-एक सुरक्षाकर्मी व पत्रकार जख्मी, भाग रहे छह प्रदर्शनकारियों को भी आई मामूली चोटें ----
-एक सुरक्षाकर्मी व पत्रकार जख्मी, भाग रहे छह प्रदर्शनकारियों को भी आई मामूली चोटें
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-48 घंटे बाद बहाल हुआ रेल ट्रैक, एहतियात के तौर पर सुरक्षा कर्मी तैनात, फाटकों पर भी सुरक्षा बढ़ाई
-सारा दिन रेल ट्रैक पर मची रही अफरा-तफरी, सुरक्षाकर्मियों ने कई बार भीड़ को खदेड़ा
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जागरण संवाददाता, अमृतसर: अमृतसर ट्रेन हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों का गुस्सा रविवार को फूट पड़ा। उन्होंने अपने सगे संबंधियों के साथ जोड़ा फाटक रेल ट्रैक पर धरना दिया और सरकार की ओर से की गई कार्रवाई पर असंतुष्टि जताई। पहले तो धरना शांतिमय ढंग से चलता रहा, लेकिन दोपहर बाद पुलिस ने ट्रैक खाली करवाने की कोशिश की। इससे लोग भड़क गए। वहीं, कुछ शरारती तत्वों ने भी भीड़ को उकसाना शुरू कर दिया। देखते ही देखते घटनास्थल पर ¨हसा शुरू हो गई। कुछ लोगों ने रेल ट्रैक पर पड़े पत्थर उठाकर सुरक्षाकर्मियों पर बरसाने शुरू कर दिए। आत्मरक्षा के लिए पुलिसकर्मी आगे बढ़े और पत्थर बरसाने वालों पर हल्का लाठीचार्ज भी किया। इस कार्रवाई में पुलिस ने ट्रैक खाली करवा लिया, जिस पर 48 घंटे बाद यातायात बहाल हो गया। पुलिस ने ट्रैक तक पहुंचने वाले सभी रास्तों पर नाकाबंदी कर सुरक्षा बढ़ा दी है।
जब पुलिसकर्मियों ने जवाबी कार्रवाई की तो रेल पटरियों से उठकर लोग भागना शुरू हो गए। पुलिस उग्र हो रही भीड़ को खदेड़ते हुए गलियों तक ले गई। वहां प्रदर्शनकारी पुलिस की लाठियों से बचने के लिए घरों में घुस गए। पत्थरबाजी में एक पुलिसकर्मी सिमरनजीत ¨सह व पत्रकार बल¨जदर जख्मी हो गए। सुरक्षाकर्मी सिमरनजीत ¨सह के सिर पर रेल ट्रैक का पत्थर लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। सुरक्षाकर्मी के सिर पर टांके लगे हैं। खून लगातार बह रहा था। प्रदर्शनकारियों में भी छह लोगों को भागते हुए गिरने से मामूली चोटें आई हैं। भारी पुलिस फोर्स तैनात होने के बावजूद सारा दिन जोड़ा फाटक और आसपास के क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल रहा। अपने घरों तक पहुंचने के लिए आम जनता को काफी मशक्कत करनी पड़ी। 50 लोगों पर हत्या प्रयास का मामला दर्ज
जोड़ा फाटक पर हुई ¨हसा के बाद पुलिस ने पचास से ज्यादा अज्ञात आरोपितों के खिलाफ हत्या के प्रयास, जालसाजी और अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। बताया जा रहा है कि पुलिस ने मौके पर मौजूद पत्रकारों के कैमरों से पत्थर चलाने वाले लोगों की फुटेज निकलवाई है। इलाके के लोगों से पथराव करने वालों की पहचान करवाई जा रही है।
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देरी से रवाना हुई गाड़ियां
हादसे के 48 घंटों बाद करीब साढे़ छह बजे अमृतसर-दिल्ली व अमृतसर-पठानकोट रेल ट्रैक पर रेलगाड़ियों का आवागमन शुरू हो गया। हालांकि, गाड़ियां कुछ देरी से रवाना हुई। घटना वाली जगह पर पंजाब पुलिस व अन्य सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। वहीं, जोड़ा फाटक व शिवाला बाग भाइयां फाटक, रामबाग व बल्ला रेलवे फाटकों पर भी जवानों को तैनात किया गया है। साढे़ छह बजे के बाद अमृतसर रेलवे स्टेशन से हिसार पैसेंजर, हावड़ा मेल, गोल्डन टेंपल, पठानकोट पैसेंजर, हरिद्वार एक्सप्रेस, हीराकुंड रेलगाड़ियों को मुख्य रेल मार्ग से रवाना किया गया है। इसके अलावा दो मालगाड़ियों को अमृतसर रेलवे स्टेशन के लिए रवाना किया गया। जोड़ा फाटक वाले ट्रैक पर देर शाम तक यातायात प्रभावित हुआ था। अमृतसर रेलवे स्टेशन से आने-जाने वाली 32 पैंसेजर रेलगाड़ियों और 17 अन्य गाड़ियों को वाया तरनतारन चलाया गया। बाद में यातायात सुचारू हो गया।
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किसी न किसी का तो कसूर है, हादसे की जिम्मेदारी तय हो, सजा मिले: डीजीपी
जालंधर: एक तरफ जहां तमाम लोग जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं वहीं, पंजाब के डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने कहा है कि दुखद हादसे में 61 लोग मारे गए, आखिर किसी न किसी का तो कसूर है। अगर किसी का कसूर न होता तो इतना बड़ा हादसा कभी न होता। इस हादसे में जिम्मेदारी तय होनी ही चाहिए। डीजीपी जालंधर में पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रहे थे। अरोड़ा ने कहा कि इस मामले में जीआरपी ने मामला दर्ज किया है। जांच शुरू कर दी गई है। इस हादसे के दोषियों को हर हाल में सजा मिलनी ही चाहिए। जालंधर के डिवीजनल कमिश्नर करेंगे जांच
डीजीपी ने कहा कि हादसे की जांच के लिए जालंधर डिवीजनल कमिश्नर बी. पुरुषार्था को जिम्मा दिया गया है। भरोसा रखें इस हादसे के दोषी बख्शे नहीं जाएंगे। इस मामले पर पंजाब सरकार व खुद मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर ¨सह गंभीर हैं।