ग्रीन वाल से बदसूरत एरिया बनेंगे खूबसूरत, बढ़ेगी हरियाली
जगह भी कम इस्तेमाल हो और हरियाली भी बढ़ जाए। आजकल इस परिकल्पना पर काम हो रहा है। ग्रीन वर्टिकल वाल इस जरूरत को पूरा कर रही है। सीधे आकार में ही वाल पर लाइन में बहुत से गमलों में पौधे हरियाली बढ़ाते हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : जगह भी कम इस्तेमाल हो और हरियाली भी बढ़ जाए। आजकल इस परिकल्पना पर काम हो रहा है। ग्रीन वर्टिकल वाल इस जरूरत को पूरा कर रही है। सीधे आकार में ही वाल पर लाइन में बहुत से गमलों में पौधे हरियाली बढ़ाते हैं। साथ ही ग्रीन वर्टिकल वाल किसी बदसूरत एरिया को छिपाने और खूबसूरती को बढ़ाने का विकल्प भी बन रही है। ऐसी वाल अब शहर में जगह-जगह दिखने लगी हैं। वन विभाग ने रेलवे स्टेशन के सामने ऐसी वर्टिकल वाल तैयार की थी। अब बरसात के सीजन में वाल पर लगे गमलों में हरे भरे पौधे ज्यादा आकर्षक लग रहे हैं। रेलवे स्टेशन से बाहर निकलने के बाद चंडीगढ़ पहुंचने पर सबसे पहले यही वाल सभी का ध्यान अपनी ओर खींचती है। इस तरह की ग्रीन वाल सेक्टर-19 स्थित पर्यावरण भवन और बोटेनिकल गार्डन में भी बनाई गई है।
अब प्राइवेट सेक्टर में भी बड़े स्तर पर इसका चलन बढ़ गया है। एलांते माल की बेसमेंट में भी ऐसी वाल बनाई गई है। कई धार्मिक स्थलों में भी ऐसी वाल बनाई गई है। सेक्टर-19 और 34 के गुरुद्वारा साहिब में भी ऐसी वाल बनाई जा चुकी है। अब तो लोग अपने घरों की वाल भी इस तरह से बनाने लगे हैं। घरों की बाहरी वाल ऐसी ही ग्रीन बनवा रहे हैं। खासकर छोटे घर जिनमें गार्डन या लान बनाने की जगह नहीं है। जगह के अभाव में यह वाल काफी चलन में है। गंदे एरिया को ढकेगी ग्रीन वाल
कई ऐसे एरिया में भी ऐसी वाल बनाने की तैयारी चल रही है जो गंदगी से बदतर हैं। कई एंट्रेंस प्वाइंट पर यह वाल बनाने का विचार चल रहा है। सूक्ष्म सिंचाई से हर पौधे तक पहुंचता है पानी
इस ग्रीन वर्टिकल वाल में पानी को मैनुअली देने की जरूरत नहीं रहती। सूक्ष्म सिचाई विधि से हर गमले में बूंद बूंद पानी टपकता रहता है। इससे पानी जमा भी नहीं होता और बचत भी होती है। इसी तरह के प्रयोग अब मूल खेती में भी अपनाए जा रहे हैं।