वैट घोटाला : 30 से ज्यादा कंपनियों से 35 करोड़ टैक्स व पेनल्टी वसूल
-अफसरों को शनिवार और रविवार भी ऑफिस बुलाया जा रहा, महीने के अंत तक रिपोर्ट करनी है
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : असिस्टेंट एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर आरके चौधरी ने बताया है कि बीते शुक्रवार तक विभाग ने वैट घोटाले में जांच करते हुए 30 से ज्यादा कंपनियों पर कार्रवाई करते हुए 35 करोड़ रुपये टैक्स एवं पेनल्टी रिकवर की है। आरोपित कंपनियों से टैक्स व पेनल्टी वसूल किए जाने को लेकर अब अफसरों की छुट्टियां तक कैंसिल कर दी गई हैं। यूं तो यूटी एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट ने लिखित में कोई ऑर्डर नहीं निकाला है। लेकिन अब एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग के अफसरों को मौखिक तौर पर ऑर्डर जारी कर इन कंपनियों की असेस्मेंट पूरी कर टैक्स व पेनल्टी रिकवर करने के लिए शनिवार और रविवार की छुट्टी फिलहाल कैंसिल कर दी गई है। महीने के आखिर तक विभाग को रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। 100 करोड़ से ऊपर का है वैट घोटाला
100 करोड़ रुपये से ऊपर के वैट घोटाले के मामले में यूटी एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट ने अब तक की बड़ी कार्रवाई करते हुए इंडो स्विफ्ट कंपनी पर 66 करोड़ रुपये टैक्स व पेनल्टी लगाई है। विभाग ने इंडो स्विफ्ट कंपनी को आदेश जारी कर 20 करोड़ रुपये बकाया टैक्स जमा कराने और करीब 46 करोड़ रुपये पेनल्टी भरने के आदेश जारी किए हैं। कंपनी जाएगी हाईकोर्ट, अफसरों के खिलाफ देगी लिखित शिकायत
वर्ष 2011-12 के दौरान इंडो स्विफ्ट कंपनी ने करोड़ों रुपये का वैट घोटाला किया। जिसकी जांच पूरी हो चुकी है। वहीं, अब इंडो स्विफ्ट कंपनी ने यूटी एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट के इस फैसले के खिलाफ पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में रिट डालने का फैसला किया है, अगले हफ्ते तक कंपनी का मैनेजिंग स्टाफ हाईकोर्ट का रूख कर सकता है, ऐसा कंपनी के मैनेजमेंट का कहना है। वहीं, कंपनी विभाग के कुछ अफसरों के खिलाफ भी लिखित में शिकायत देने जा रही है, जिनकी लापरवाही के चलते कथित तौर पर कंपनी को करोड़ों का नुकसान हुआ है। एडवाइजर को हो गया था शक, जांच में निकला घोटाला
17 जुलाई 2018 को वैट ट्रिब्यूनल की कोर्ट यूटी प्रशासन में लगी थी। इस ट्रिब्यूनल कोर्ट की अध्यक्षता एडवाइजर परिमल राय कर रहे थे। उनकी कोर्ट में इंडो स्विफ्ट कंपनी का केस भी लगा हुआ था। उस केस में एक्साइज डिपार्टमेंट ने कंपनी पर 5 करोड़ 90 लाख 54 हजार 342 रुपये बकाया वैट निकाला। एडवाइजर ने जब केस का स्टेटस पूछा तो कंपनी के वकील ने कहा कि उनका मामला तो 31 मार्च 2015 को खत्म भी हो चुका है। एक्साइज डिपार्टमेंट ने उनसे 5 हजार रुपये का टैक्स लेकर चालान कर दिया था। इस पर एडवाइजर को शक हुआ कि कैसे 5.90 करोड़ रुपये का टैक्स मात्र 5 हजार रुपये के चालान में पूरा हो गया। इसके बाद इनक्वायरी की तो ये घोटाला सामने आया। जिसके बाद विजिलेंस ने केस दर्ज किया था। इस केस की जांच अब यूटी एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट और यूटी पुलिस क्राइम ब्रांच मिलकर कर रहे हैं।