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हजारों युवाओं के सपनों को लगे पंख, यूटी क्रिकेट एसोसिएशन को BCCI से मिली मान्यता Chandigarh News

यूटी किक्रेट एसोसिएशन को बीसीसीआइ ने शुक्रवार को मान्यता दे दी। इस मान्यता मिलने के साथ शहर हजारों युवाओं के सपनों को पंख लग गए जोकि टीम इंडिया में खेलने का सपना देखते हैं।

By Edited By: Published: Fri, 26 Jul 2019 09:53 PM (IST)Updated: Sat, 27 Jul 2019 05:05 PM (IST)
हजारों युवाओं के सपनों को लगे पंख, यूटी क्रिकेट एसोसिएशन को BCCI से मिली मान्यता Chandigarh News
हजारों युवाओं के सपनों को लगे पंख, यूटी क्रिकेट एसोसिएशन को BCCI से मिली मान्यता Chandigarh News

चंडीगढ़ [विकास शर्मा]। चंडीगढ़ क्रिकेट इतिहास में 26 जुलाई, 2019 को नया अध्याय जुड़ गया है। यूटी किक्रेट एसोसिएशन को बीसीसीआइ ने शुक्रवार को मान्यता दे दी। इस मान्यता मिलने के साथ शहर हजारों युवाओं के सपनों को पंख लग गए जोकि टीम इंडिया में खेलने का सपना देखते हैं। बीसीसीआइ से मान्यता मिलने के बाद सेक्टर-16 के स्टेडियम में मीडिया से बातचीत करते हुए यूटीसीए के प्रेसिडेंट संजय टंडन ने कहा कि हम तीन दशकों से इस दिन का इंतजार कर रहे थे, हमारा संघर्ष सिर्फ इसलिए था कि शहर के प्रतिभावान खिलाड़ियों को ज्यादा से ज्यादा मौके मिल सके।

इसी सीजन में बीसीसीआइ के अंडर -23 क्रिकेट टूर्नामेंट में चंडीगढ़ की टीम खेलेगी। इसके अलावा टीम रणजी में भी हिस्सा लेगी, इस बात की पुष्टि 30 जुलाई को हो जाएगी। शहरवासियों को अब आइपीएल, फ‌र्स्ट क्लास क्रिकेट देखने के लिए मोहाली नहीं जाना पड़ेगा। इस दौरान उनके साथ यूटीसीए के तमाम पदाधिकारी, कोच और यूटी स्पो‌र्ट्स डिपार्टमेंट के डायरेक्टर तेजदीप सैनी भी मौजूद रहे। मान्यता के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी लड़ाई यूटीसीए के प्रेसिडेंट संजय टंडन ने बताया कि यूटीसीए को बीसीसीआइ से मान्यता दिलाने के लिए हमनें जमीन स्तर पर लड़ाई नहीं लड़ी, बल्कि कानूनी लड़ाई भी लड़ी।

यूटीसीए की स्थापना 1982 को हुई थी तभी से बीसीसीआइ से मान्यता के लिए संघर्ष शुरू हो गया था। यूटी पुडुचेरी को बीसीसीआइ से मान्यता मिलने के बाद हमने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। यूटीसीए ने मई 2017 में केस फाइल किया था। जिसके बाद साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआइ को चंडीगढ़ को भी मान्यता देने के निर्देश दिए। इसके बाद मान्यता प्राप्त करने का सिलसिला शुरू हो गया। इस लड़ाई में पंजाब के गवर्नर और चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी ¨सह बदनौर ने खासी मदद की। इसी साल मार्च में बीसीसीआइ की तरफ से पूर्व भारतीय क्रिकेटर अंशुमन गायकवाड़ और सबा करीम का दो सदस्यीय दल शहर में आया था।

इस दो सदस्यीय दल ने दो दिन शहर में रहकर क्रिकेट इंफ्रास्ट्रक्चर का जायजा लिया था और शहर की तीनों क्रिकेट एसोसिएशन से बात भी की। ऐसे में इन तीनों क्रिकेट एसोसिएशनों ने अपनी दलील देकर उन्हें मान्यता देने की मांग की। सूत्रों की मानें तो अंशुमन गायकवाड़ और सबा करीम ने एसोसिएशनों के साथ हुई मीटिंग के आधार पर अपनी रिपोर्ट बीसीसीआइ प्रशासक कमेटी को सौंप दी थी जिसके बाद बीसीसीआइ यूटी क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता देने के लिए राजी हो गई। एक दिक्कत फिर भी थी कि शहर में तीन क्रिकेट एसोसिएशन थी। यूटी क्रिकेट एसोसिएशन, चंडीगढ़ क्रिकेट एसोसिएशन -हरियाणा, चंडीगढ़ क्रिकेट एसोसिएशन पंजाब। ऐसे में बीसीसीआइ ने इसी महीने सर्कुलर जारी तीनों एसोसिएशन से एक होने के निर्देश दिए थे। जिस पर यूटी क्रिकेट एसोसिएशन और चंडीगढ़ क्रिकेट एसोसिएशन ने विलय कर लिया था।

शुक्रवार को मुंबई में बीसीसीआइ की मीटिंग हुई जिसमें यूटी क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता दे दी गई। ग‌र्ल्स क्रिकेट को प्रमोट करने के लिए होंगे प्रयास यूटीसीए को बीसीसीआइ से मान्यता मिलने के बाद शहर की महिला क्रिकेटर भी खासी खुश हैं। दरअसल अभी तक शहर में सेक्टर-26 के एलआइसी क्रिकेट ग्राउंड में ग‌र्ल्स क्रिकेट एकेडमी चलती थी लेकिन अब बीसीसीआइ से मान्यता मिलने के बाद यूटीसीए को हर टूर्नामेंट में अपनी टीम भेजनी होगी। ऐसे में जल्द शहर में कई ग‌र्ल्स क्रिकेट एकेडमीज शुरू होंगी। गौरतलब है कि अभी शहर से दो महिला क्रिकेटर टीम इंडिया में खेलती हैं। इंडियन महिला टीम की विकेटकीपर पंजाब की तरफ से खेलती है, वहीं, तेज गेंदबाज हरलीन कौर हिमाचल प्रदेश की तरफ से खेलती हैं।

शहर के प्रतिभावान खिलाड़ियों को नहीं खाने पड़ेंगे धक्के : मनन वोहरा जैसे ही यूटी क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता मिलने की खबर मिली, वैसे ही शहर के युवा क्रिकेटर भी सेक्टर -16 के क्रिकेट स्टेडियम में पहुंच गए। क्रिकेटर मनन वोहरा ने बताया कि यूटीसीए को मान्यता मिलना खिलाड़ियों के लिए बड़ी राहत है। मनन ने बताया कि शहर के खिलाड़ी अंडर-23 तक तो चंडीगढ़ की तरफ से खेलते हैं लेकिन इसके बाद उन्हें रणजी खेलने के लिए पंजाब-हरियाणा या अन्य राज्यों की तरफ जाना पड़ता था। ऐसे में उन्हें दोबारा फिर से टीम में जगह बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। यूटीसीए को मान्यता मिलने से अब शहर के प्रतिभावान खिलाड़ियों को धक्के नहीं खाने पड़ेंगे। बीसीसीआइ से मान्यता मिलने के बाद यह होंगे फायदा यूटी क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता मिलने से सबसे ज्यादा फायदा खिलाड़ियों को होगा। यूटी क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता मिलने के बाद अब शहर की क्रिकेट टीम बीसीसीआइ द्वारा आयोजित होने वाली तमाम सीनियर स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले सकती है।

गौरतलब है कि अभी बीसीसीआइ की तरफ से आयोजित होने वाली खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए शहर के खिलाड़ी हरियाणा और पंजाब की तरफ से खेलते थे। शहर ने निकल चुके हैं कई इंटरनेशनल किक्रेटर यूटीसीए को बीसीसीआइ से मान्यता मिलने में चाहे देरी हो गई हो लेकिन शहर से प्रतिभावान खिलाड़ी सालों से टीम इंडिया में अपने बेहतर प्रदर्शन से योगदान दे रहे हैं। शहर से पूर्व टीम इंडिया के कप्तान कपिल देव, युवराज सिंह, योगराज सिंह, चेतन शर्मा, वीआरवी सिंह, अशोक मल्होत्रा, चेतन शर्मा, दिनेश मोंगिया और सिद्धार्थ कौल जैसे क्रिकेटर्स अपनी प्रतिभा से शहर व देश के लिए बेहतर योगदान दिया है।
 

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