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निगम की सदन बैठक में Ward Development Fund को लेकर हंगामा, मेयर और कांग्रेस पार्षदों के बीच तीखी बहस

कांग्रेस पार्षद दल के नेता दविंदर सिंह बबला और रविंदर कौर गुजराल ने कहा कि वार्ड फंड 40 से बढ़कर 80 लाख रुपये कर दिया गया है लेकिन इसकी कोई भी जानकारी किसी पार्षद को नहीं दी गई।

By Vikas KumarEdited By: Published: Tue, 26 Nov 2019 12:26 PM (IST)Updated: Tue, 26 Nov 2019 12:30 PM (IST)
निगम की सदन बैठक में Ward Development Fund को लेकर हंगामा, मेयर और कांग्रेस पार्षदों के बीच तीखी बहस
निगम की सदन बैठक में Ward Development Fund को लेकर हंगामा, मेयर और कांग्रेस पार्षदों के बीच तीखी बहस

चंडीगढ़ [राजेश ढल्ल]। नगर निगम की सदन बैठक में मंगलवार को वार्ड डेवलपमेंट फंड के मुद्दे परर जमकर हंगामा हुआ। मेयर राजेश कालिया की कांग्रेस पार्षदों के साथ जमकर बहस हुई। जबकि भाजपा पार्षदों ने मेयर का बचाव करते हुए कांग्रेस के पार्षदों को घेरा। कांग्रेस पार्षद दल के नेता दविंदर सिंह बबला और रविंदर कौर गुजराल ने कहा कि वार्ड फंड 40 से बढ़कर 80 लाख रुपये कर दिया गया है, लेकिन इसकी कोई भी जानकारी किसी पार्षद को नहीं दी गई। वहीं भाजपा पार्षदों का तर्क है कि जिस समय बजट पास किया गया था, उसी समय ही वार्ड फंड दोगुना कर दिया गया था।

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पब्लिक टॉयलेट में तैनात कर्मचारियों को 6 महीने से नहीं मिला वेतनः रविंदर कौर

बैठक के दौरान कांग्रेसी पार्षदों ने कहा कि बेशक वार्ड फंड दोगुना कर दिया गया है। लेकिन जो भी कार्य अधिकारियों को बताए जाते हैं, वह वित्तीय संकट का हवाला देकर नहीं किए जा रहे। रविंदर कौर ने कहा कि उनके वार्ड की ग्रीन बेल्ट में जो पब्लिक टॉयलेट बने हुए हैं, उनमें तैनात कर्मचारियों को 6 माह से वेतन नहीं मिल रहा है। कांग्रेसी पार्षद ने कहा कि मेयर को सुनने का मादा रखना चाहिए। जबकि वह किसी की बात नहीं सुनते हैं।

अपने वार्ड के काम करवाना पार्षदों की जिम्मेदारीः मेयर

इस पर मेयर कालिया ने कहा कि जो भी पार्षदों के वार्ड में काम पेंडिंग पड़े हैं, वह उन्हें ही करवाने हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्षद रविंद्र कौर गुजराल का एक वीडियो जारी हुआ है, जिसमें उन्होंने कहा है कि 4 से 5 लाख रुपए उनके वार्ड फंड में मिले हैं। मेयर ने कहा कि वार्ड डेवलपमेंट फंड की राशि पहले से तय है और वित्तीय संकट के नाम पर इसे जारी करने से कभी भी मना नहीं किया गया। फंड बढ़ने की बात छिपाने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि सरकारी दस्तावेज को कभी भी छिपाया नहीं जा सकता। अगर हम ऐसा करेंगे तो जनता में संदेश जाएगा कि किसी गलत कार्य की वजह से ऐसा किया गया है। बैठक में भाजपा पार्षद आशा जसवाल और गुरप्रीत ढिल्लों ने कांग्रेस के पार्षदों पर तीखे हमले किए। ढिल्लों ने कहा कि लोगों को लगता है कि पार्षद जानबूझकर वार्ड फंड खर्च नहीं कर रहे, जबकि काम करवाने के लिए पैसा नहीं होने की बात अधिकारी कहते हैं। 


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