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संयुक्त कर्मचारी मोर्चा लामबंद, चंडीगढ़ प्रशासन के खिलाफ 1 जुलाई को भूख हड़ताल कर करेंगे हल्लाबोल

यूटी व नगर निगम चंडीगढ़ के छह प्रमुख कर्मचारी संगठन लामंबद हो गए हैं। इन संगठनों का कहना है कि कर्मचारियों की प्रमुख मांगों पर संयुक्त रूप से चंडीगढ़ प्रशासन को मांग पत्र सौंपा गया था और अधिकारियों के साथ मीटिंग के लिए समय भी मांगा गया था।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 01:22 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 01:22 PM (IST)
संयुक्त कर्मचारी मोर्चा एक जुलाई को प्रशासन के खिलाफ भूख हड़ताल कर विरोध जताएगा।

चंडीगढ़, जेएनएन। यूटी व नगर निगम चंडीगढ़ के छह प्रमुख कर्मचारी संगठन लामंबद हो गए हैं। इन संगठनों का कहना है कि कर्मचारियों की प्रमुख मांगों पर संयुक्त रूप से चंडीगढ़ प्रशासन को मांग पत्र सौंपा गया था और अधिकारियों के साथ मीटिंग के लिए समय भी मांगा गया था। बावजूद इसके चंडीगढ़ प्रशासन ने न तो इन मांगों पर गौर किया और न ही कर्मचारी संगठनों को मिलने का समय दिया।

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कर्मचारी संगठनों ने इसके विरोध में एक जुलाई को सचिवालय के सामने सुबह 10 से शाम 4 बजे तक एक दिन की भूख हड़ताल करने का फैसला किया है। संयुक्त कर्मचारी मोर्चा,यूटी व नगर निगम चंडीगढ़ ने प्रशासन से कर्मचारियों की इन संयुक्त मांगों के लिए प्रशासन से मीटिंग का समय न मिलने पर चंडीगढ़ प्रशासन व एमसी अथॉरिटी के दरवाजे पर संघर्ष व धरने प्रदर्शन को और तेज करने की चेतावनी भी दी है। इसी कड़ी में 25 जून को  सीटीयू  द्वारा निजीकरण के खिलाफ होने वाले रोष प्रदर्शन व रैली में संयुक्त कर्मचारी मोर्चा भाग लेगा।

चंडीगढ़ प्रशासन को भेजा नोटिस

इस मीटिंग में शामिल संयुक्त कर्मचारी मोर्चा के वर्किंग कमेटी के संयोजक गोपाल दत्त जोशी,सुखबीर सिंह,राजिंदर कुमार, अश्विनी कुमार, बलविंदर सिंह,बिपिन शेर सिंह के अलावा स्टेट एग्जिक्यूटिव मेंबर्स धर्मेंद्र राही, रणबीर राणा, राजिंदर कटोच,राजा राम,सुरमुख सिंह, रंजीत मिश्रा, अशोक कुमार और  राजिंदर सिंह पहली जुलाई को अपनी समूची लीडरशिप के साथ सेक्टर -9 स्थित सचिवालय के सामने कोविड- 19 दिशानिर्देशों की पालना करते हुए भूख हड़ताल का फैसला लिया। इसके लिए चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस भी भेज दिया है।

यह कर्मचारी संगठनों  की मांगें

  • आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की सभी श्रेणियों के लिए जेम पोर्टल में मौजूदा श्रमिकों को न निकालना।
  • बिजली,स्वास्थ्य,परिवहन जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण पर रोक लगाना।
  • मृतक कर्मचारियों के  परिजनों को पंजाब पैटर्न पर 5% सीलिंग खत्म करके नौकरी देना।
  • पुरानी पेंशन योजना को बहाल करना।
  • खाली पदों को भरने, डीए और डीसी की दरों में वृद्धि करना।
  • सरकारी घरों आवंटन को पारदर्शी बनाना।
  • भारत सरकार की अधिसूचना 13.1.92 के अनुसार पंजाब राज्य के सभी सर्विस रूल व कंडीशंस लागू करना शामिल है।

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