दो वर्ष पूर्व दबा दी गई थी नियम दरकिनार कर होमगार्ड डिपार्टमेंट में मर्ज करने की शिकायत!
पुलिस विभाग से जुड़े वेतन घोटाले के मामले में मुख्य आरोपित तत्कालीन एसओ यानि डीडीओ जगदीप सिंह शेहरावत की कांस्टेबल पत्नी सहित तीन कांस्टबल को होमगार्ड डिपार्टमेंट में मर्ज करने की शिकायत दो वर्ष पहले ही आई थी।
कुलदीप शुक्ला, चंडीगढ़
पुलिस विभाग से जुड़े वेतन घोटाले के मामले में मुख्य आरोपित तत्कालीन एसओ यानि डीडीओ जगदीप सिंह शेहरावत की कांस्टेबल पत्नी सहित तीन कांस्टबल को होमगार्ड डिपार्टमेंट में मर्ज करने की शिकायत दो वर्ष पहले ही आई थी। लेकिन खुद अधिकारियों ने ही इसे तरजीह नहीं दी। जबकि, शिकायत में रकम लेकर नियम विरुद्ध कैडर बदलकर मलाईदार पोस्ट पर मर्ज करने का जिक्र किया गया था। साथ ही मामले में कार्रवाई की मांग की गई थी। शिकायतकर्ता की ओर से इसकी कॉपी तत्कालीन प्रशासक, होम सेक्रेटरी, यूटी डीजीपी सहित एसएसपी को भेजी गई थी। मगर शिकायत की रिसीविग सहित डिसपैच नंबर मिलने के बावजूद जांच तक नहीं हुई। शिकायत में यह लिखा -
नौ दिसंबर 2021 को शिकायत एसएसपी विडो पर दी गई। शिकायत में लिखा गया कि हेड कांस्टेबल मनराज गलत तरीके से होमगार्ड डिपार्टमेंट में मर्ज हो रहा है। जबकि, इस तरह का कोई नियम ही नहीं है। जबकि मुख्य अफसर डीआइजी छुट्टी पर चल रहे हैं। उनकी गैर-मौजूदगी में इस तरह कैसे की जा सकती है। मांग की गई कि इसे रोका जाए। इस शिकायत पर कई हस्ताक्षर भी हैं। कई बिल और रिकार्ड गायब, केा में जुड़ेगी नई धारा
पुलिस के अकाउंट्स डिपार्टमेंट ने चुपचाप पुलिसकर्मियों की सर्विस बुक अपने पास मंगवानी शुरू कर दी। इसके बाद उसी में जाली बिल बनाकर और उसे पास करवाकर पैसे निकलवाए और रिकॉर्ड सर्विस बुक में लगाया। इस तरह सर्विस बुक वापस ब्रांच में भेज दी जाती थी। नियम के तहत गजटेड अफसर के नीचे सर्विस बुक मंगवाई ही नहीं जा सकती। वहीं, स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम की जांच में अब तक कई बिल और रिकार्ड गायब मिले हैं। जांच पूरी होने के बाद इस केस में नई धारा भी जुड़ेगी। बता दें कि 25 मार्च 2020 को सेक्टर-3 थाना पुलिस ने मामले में सुधीर पराशर की शिकायत पर तत्कालीन डीडीओ जगदीप सिंह शेहरावत को मुख्य आरोपित बनाकर केस दर्ज किया था। पुलिस ने इस केस में आइपीसी की धारा 420, 468, 471, 120बी, प्रिवेंटिव ऑफ करप्शन एक्ट 13(1)(बी) और 13(2) लगाई गई थी।