पंजाब मंत्री पद से सिंगला की बर्खास्तगी के बाद दो मंत्री और कुछ विधायक भी भगवंत मान के निशाने पर
पंजाब में विजय सिंगला को मंत्री पद से बर्खास्त किए जाने के बाद भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के तहत भगवंत मान के निशाने पर दो मंत्री व कुछ विधायक भी हैं। भगवंत मान अपनी टीम के लोगों पर पूरी तरह से नजर गड़ाए हुए हैं।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान की नजर दो और मंत्रियों और कुछ विधायकों पर भी है। इनके बारे में उन्हें लगातार भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही हैं।
जिस तरह से मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपनी टीम के जरिए स्वास्थ्य मंत्री के भ्रष्टाचार की कलई खोली है उससे लगता है कि भगवंत मान की अपनी टीम अन्य मंत्रियों पर भी नजर रखे हुए है, इसीलिए मंत्री अभी अपरिचित लोगों से बात करने से कतरा रहे हैं।
यही नहीं, आम आदमी पार्टी के वालंटियर भी उन्हें मीडिया में जाने से रोक रहे हैं, ताकि मीडिया कर्मियों की जगह कोई और लोग उन्हें ट्रैप में न फंसा लें।
हाल फिलहाल जिस तरह से स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला को भ्रष्टाचार के केस में गिरफ्तार किया गया है उससे आम आदमी पार्टी की उस छाप को मजबूती मिली है जिसमें पार्टी ने भ्रष्टाचार को बर्दाश्त न करने संबंधी अपनी बात पहली ही मीटिंग में साफ कर दी थी।
मुख्यमंत्री दो बार विधायकों से रू-ब-रू होकर भी उन्हें इस बात के लिए ताकीद कर चुके हैं कि आप की बढ़ती ताकत को देखते हुए विपक्षी पार्टियां उन्हें उलझा सकती हैं, इसलिए वे लोगों के बीच में जाकर सरकार के कामकाज, उनकी नीतियों के बारे में ही प्रचार करने को लेकर काम करें ।
दरअसल, आम आदमी पार्टी जिस प्रकार से भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए गए अन्ना आंदोलन से निकली है उससे उन पर अपनी इस छवि को बनाए रखने काफी दबाव बना हुआ है। मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार के पहले ही दो महीनों में ही जिस प्रकार से मंत्री को शिकायत मिलते ही बर्खास्त कर दिया उससे पार्टी को इसका राजनीतिक लाभ भी मिल सकता है।
आने वाले कुछ दिनों मे ही जहां संगरूर संसदीय उपचुनाव होना है जो मुख्यमंत्री भगवंत मान के सांसद पद से इस्तीफा देने के बाद खाली हुई है। यही नहीं, नवंबर महीने में हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधानसभा का चुनाव होना है और आम आदमी पार्टी इस बार भाजपा और कांग्रेस को चुनौती देने जा रही है।