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अमेरिकन सिटीजन से लोन अप्रूव के नाम पर लाखों रुपये ठगने वाले मोहाली के दो फर्जी कॉल सेंटर सील

अमेरिका के लोगों से लोन अप्रूव के नाम लाखों रुपये ठगने वाले जयपुर के दो कॉल सेंटर से 23 साइबर ठगों की गिरफ्तारी के बाद मोहाली इंडस्ट्रियल ऐरिया फेज-7 में चल रहे दो फर्जी कॉल सेंटर को भी फेज-1 थाना पुलिस ने सील किया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 10:35 PM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 10:35 PM (IST)
अमेरिकन सिटीजन से लोन अप्रूव के नाम पर लाखों रुपये ठगने वाले मोहाली के दो फर्जी कॉल सेंटर सील

जागरण संवाददाता, मोहाली : अमेरिका के लोगों से लोन अप्रूव के नाम लाखों रुपये ठगने वाले जयपुर के दो कॉल सेंटर से 23 साइबर ठगों की गिरफ्तारी के बाद मोहाली इंडस्ट्रियल ऐरिया फेज-7 में चल रहे दो फर्जी कॉल सेंटर को भी फेज-1 थाना पुलिस ने सील किया है। पुलिस ने मोहाली में कॉल सेंटर चलाने वाले दो लोगों मोहम्मद खान निवासी सेक्टर-2 चित्रकूट विशाली नगर जयपुर सिटी राजस्थान और रमजान निवासी नगोर जयपुर राजस्थान के खिलाफ मामला दर्ज किया है। हालांकि पुलिस ने दोनों आरोपितों की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है, लेकिन पुलिस सूत्रों के अनुसार पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। जिनसे मोहाली के अन्य फेजों में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर की जानकारी ली जा रही है।

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इंडस्ट्रियल ऐरिया फेज-7 में बिल्डिंग नंबर डी-91 किराये पर लेकर वहां स्काई-वे नेट सेल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड व स्काइरल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से दो फर्जी कॉल सेंटर खोले हुए थे। इन कॉल सेंटर का टाईअप जयपुर में चल रहे स्काई आई-नेट सेल्यूशन से था, जिसकी सब ब्रांच मोहाली में थी। इस कॉल सेंटर से अमेरिका में कॉलिग करवाकर वहां के सिटीजन को फर्जी लोन अप्रूव करवाने का झासा देकर उनसे ठगी की जाती थी। अमेरिका में दिन होने चलते वह लोग मोहाली में रात के समय कॉल सेंटर खोलते थे और सुबह ताला लगाकर चले जाते थे। पुलिस के अनुसार फर्जी कॉल सेंटर चलाने का किगपिन करण सिंह शेखावत व कुनाल शर्मा है जिसकी पुलिस को तालाश है। यह था ठगी मारने का प्रोसेस

आरोपित येलो पेजेज से ऑनलाइन यूएसए के नागरिकों का डाटा इक्ट्ठा करते थे। बाद में नियोन सॉफ्टवेयर के माध्यम से कॉल करने वाले की पूरी जानकारी जुटा लेते थे। कंप्यूटर सिस्टम में आई-बीम सॉफ्टवेयर अपलोड कर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के माध्यम से सिटीजन व्यक्ति के पास वाइस मैसेज भेजा जाता है। वहां से ऑनलाइन री-कॉल आने पर कम ब्याज दर पर लोन देने का झांसा देकर गिफ्ट वाउचर के जरिए डॉलर, वॉलमार्ट, गूगल प्ले व स्टीम आदि के जरिए पैसे मांगते थे।

लोन अप्रूव के नाम बिट क्वाइन चेक से होते थे पैसे जमा

आरोपित इतने शातिर थे कि इंटरनेट कॉलिग के जरिए अमेरिकन सिटीजन का डाटा सेलेक्ट किया जाता और फिर उन्हें वहां की फाइनांस कंपनियों के नाम से ही लोन प्रोसेस के बारे में समझाते थे। लोन अप्रूव करने के नाम बिट क्वाइन के रूप में चेक से पैसे जमा करवाते थे। इसके बाद बिट क्वाइन को नकदी में दलालों की मदद से बदल लेते थे।


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