बैंक धोखाधड़ी मामले के दो आरोपितों को मिली अग्रिम जमानत
लोन टेक केयर और नई मशीनरी खरीदने के बहाने बैंक से धोखाधड़ी मामले में दो आरोपितों की अग्रिम जमानत याचिका को सीबीआइ की स्पेशल अदालत ने मंजूरी दे दी है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : लोन टेक केयर और नई मशीनरी खरीदने के बहाने बैंक से धोखाधड़ी मामले में दो आरोपितों की अग्रिम जमानत याचिका को सीबीआइ की स्पेशल अदालत ने मंजूरी दे दी है। दोनों की पहचान डेराबस्सी स्थित अरविद मशीन टूल्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर साहिल गोडवाड़ा और दिलजीत कौर गोडवाड़ा के रूप में हुई है। दोनों ने याचिका में दलील दी थी कि सीबीआइ ने मामले की जांच पूरी कर ली है। वह किसी भी तरह केस को अब प्रभावित नहीं कर सकते, इसलिए उन्हें जमानत दी जाए। मामले में कुल नौ आरोपित हैं। इसमें सेक्टर-7 स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक राजकुमार और जयपुर निवासी सेवानिवृत्त इंडियन ओवरसीज बैंक से मुख्य प्रबंधक सत्य कुमार पारीक भी शामिल हैं।
सीबीआइ को उक्त बैंक के चीफ रीजनल मैनेजर डीसी कार ने सात अक्टूबर 2015 को डेराबस्सी स्थित अरविद मशीन टूल्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर अरविदर सिंह गोडवाड़ा, साहिल, दिलजीत कौर, अमरिदर सिंह, बैंक के प्रबंधक राजकुमार, सत्य कुमार पारीक के अलावा अन्य लोगों के खिलाफ शिकायत दी थी। शिकायत में बताया था कि कंपनी ने इंडियन ओवरसीज बैंक से मशीनें खरीदने के लिए बैंक के कुछ कर्मचारियों से मिलकर कई बार करीब 729.56 लाख रुपये का लोन लिया। लेकिन बैंक को अरविद कंपनी पर शक हुआ तो मामले की जांच की गई। जांच में पाया गया कि कंपनी द्वारा दिए गए कई तथ्य और आंकड़े गलत हैं। इस तरह बैंक को करीब 729.56 लाख रुपये का चुना लगा है। इसके बाद सीबीआइ ने जांच के बाद उक्त लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।