साल में दो बार एमसी की टीम पहुंचेगी आपके घर, पेट का पंजीकरण कराया या नहीं करेगी चेक
शहर में इस समय 30 हजार से ज्यादा पेट डाग हैं लेकिन वर्तमान में नगर निगम के पास 9693 डाग रजिस्टर्ड हैं।
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़
शहर में इस समय 30 हजार से ज्यादा पेट डाग हैं, लेकिन वर्तमान में नगर निगम के पास 9693 डाग रजिस्टर्ड हैं। नगर निगम के पास लोग अपने पेट डाग का रजिस्ट्रेशन नहीं करवा रहे हैं। इसलिए नगर निगम ने अब डोर टू डोर अभियान चलाने का निर्णय लिया है। जिसके तहत टीम हर किसी के घर जाकर चेक करेगी। नगर निगम ने अब साल में दो बार लोगों के घर जाकर सर्वे करने का निर्णय लिया है। शहर में हर किसी को अपने कुत्तों का रजिस्ट्रेशन नगर निगम में कराना अनिवार्य है। साल में एक बार जून और दूसरी बार दिसंबर में नगर निगम की टीमें घर-घर जाकर पेट डाग को चेक करेंगी। इस दौरान ऐसी ब्रिड जिनको रखने पर पाबंदी है उसको भी चेक करेगी।
दो ज्यादा कुत्तों को रखने पर है पाबंदी
डाग बायलाज के अनुसार शहर में दो से ज्यादा कुत्ते रखने पर पाबंदी है, लेकिन शहर में सैकड़ों लोग ऐसे हैं जिन्होंने दो से ज्यादा पेट डाग रखे हुए हैं, ऐसे लोगों पर भी कार्रवाई की जाएगी। बायलाज के अनुसार शहर में कुत्तों का कारोबार भी नहीं हो सकता है। किसी ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया तो कुत्ते को निगम की टीम ही अपने पास रखेगी। आनर से इसके बदले प्रतिदिन 1000 रुपये मेंटेनेंस चार्ज वसूला जाएगा। पहले मेंटेनेंस चार्जेस 100 रुपये थे। सात दिन तक आनर डाग को नहीं ले जाता, तो इसे जब्त करके नगर निगम बेच देगा। पालतू कुत्ते के मालिकों की सुविधा के लिए नगर निगम ने आइएएम चंडीगढ़ एप लांच किया है, जिसके तहत आनलाइन पंजीकरण कराया जा सकता है।
आनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाएं पेट की
नगर निगम ने अब लोगों को पेट डाग के रजिस्ट्रेशन करने के लिए आनलाइन भी सुविधा दे दी है। शहरवासियों में अपने पेट का रजिस्ट्रेशन करवाने की जागरुकता नहीं है। पांच साल से शहर में पेट डाग का रजिस्ट्रेशन 9200 से 9600 के बीच ही रहा है, जबकि कुत्तों की तादाद शहर में बढ़ती जा रही है। नगर निगम कमिश्नर आनिदिता मित्रा का कहना है कि अब पेट डाग बायलाज को सख्ती से लागू करवाया जाएगा। डाग का रजिस्ट्रेशन करवाने की जिम्मेवारी उनके मालिक की है। शहर में हजारों पेट डाग लवर हैं। शहर के पार्को में डाग को घुमाने पर पाबंदी है, फिर भी हर दिन लोग अपने पेट को पार्को में सैर करवाते हैं। पेट की ओर से गंदगी फैलाने पर भी मालिक पर कार्रवाई करने का प्रविधान है। रजिस्ट्रेशन शुल्क 500 रुपये है। कमिश्नर ने टीम को ऐसे लोगों पर भी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। जुर्माना नहीं दिया तो नगर निगम इसको अगले पानी के बिल में जोड़कर भेजेगा। जुर्माने का भुगतान नहीं करेगा तो उसका चालान जिला अदालत में भेज दिया जाएगा। उसके बाद कुत्ते के मालिक को कोर्ट में जाकर जुर्माना अदा करना होगा।
कमिश्नर ने कहा कि पालतू कुत्ता बाहर घूमता पाया गया तो एमसी उसे जब्त करेगी। पंजीकरण प्राधिकारी के जारी टोकन हर समय कुत्ते के गले के कॉलर से चिपका होना चाहिए।