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कहने के बावजूद नहीं काटा ब्राॅडबैंड कनेक्शन, अब कंपनी को देना होगा इतना जुर्माना

कनेक्ट ब्रॉडबैंड कनेक्शन को डिस्कनेक्ट करने का आग्रह करने के बावजूद इसे बंद ना करने पर उपभोक्ता फोरम ने प्रतिवादी पक्ष को 12 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

By Sat PaulEdited By: Published: Sat, 05 Jan 2019 11:39 AM (IST)Updated: Sat, 05 Jan 2019 11:39 AM (IST)
कहने के बावजूद नहीं काटा ब्राॅडबैंड कनेक्शन, अब कंपनी को देना होगा इतना जुर्माना
कहने के बावजूद नहीं काटा ब्राॅडबैंड कनेक्शन, अब कंपनी को देना होगा इतना जुर्माना

चंडीगढ़, राजन सैनी। कनेक्ट ब्रॉडबैंड कनेक्शन को डिस्कनेक्ट करने का आग्रह करने के बावजूद इसे बंद ना करने पर उपभोक्ता फोरम ने प्रतिवादी पक्ष को 12 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। सेक्टर 27 निवासी संजीव ने कनेक्ट ब्रॉडबैंड कनेक्शन को डिस्कनेक्ट करने के लिए कंपनी से बार-बार अनुरोध किया था। शिकायतकर्ता ने कनेक्शन को जमा करने से पहले अंतिम बिल का भुगतान भी किया था। इसके बावजूद कंपनी इसे बंद करने की बजाए उन्हें मासिक बिल भेजती रही, जिसके बाद शिकायतकर्ता ने इसकी शिकायत उपभोक्त फोरम में दी थी। जिसके बाद उपभोक्ता ने मोहाली स्थित एचएफसीएल इन्फोटेल लिमिटेड और सेक्टर-35 स्थित कनेक्ट ऑफिस पर जुर्माना लगाया है।

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सेक्टर-27 निवासी संजीव कोडन ने उपभोक्ता फोरम में शिकायत दी थी कि उन्होने कनेक्ट का ब्रॉडबैंड कनेक्शन लिया हुआ था। लेकिन किसी कारण से उन्हें यह कनेक्शन डिस्कनेक्ट करवाना पड़ा, इसे डिस्कनेक्ट करवाने से पहले नियमों के तहत 12 मार्च 2017 को उन्होनें इससे संबंधित चार्जर और मॉडम भी कंपनी में जमा करवा दिया था। इसके साथ ही उन्होनें 16 मार्च 2017 को कंपनी द्वारा बनाया गया अंतिम बिल भी भर दिया था। इसके बावजूद कंपनी द्वारा कनेक्शन को डिस्कनेक्ट नहीं किया गया। उन्हें हर माह इसका बिल भेजा जा रहा था। इससे तंग आकर शिकायतकर्ता द्वारा उपभोक्ता फोरम में शिकायत दी थी। लेकिन कंपनी का कहना है था कि शिकायतकर्ता द्वारा कभी भी उन्हें कनेक्शन बंद करने के लिए कोई पत्र नहीं दिया गया। इसके साथ ही शिकायतकर्ता ने पूरी राशी जमा नहीं करवाई है। उनके द्वारा करीब 7 हजार की राशी जमा करवानी अभी बाकि थी।

मामले में सेक्टर-35 स्थित कनेक्ट ऑफिस से कोई पेश नहीं हुआ जिस कारण उन्हें एक्स पार्टी घोषित किया गया था। दोनों पक्षों के सुनने के बाद उपभोक्ता फाेरम ने कहा कि प्रतिवादी पक्ष द्वारा शिकायतकर्ता की शिकायत का निवारन नहीं किया गया। जिस कारण उसे मानसिक पीड़ा व पेरशानी का सामान करना पड़ा है। उपभोक्ता फोरम ने कंपनी को आदेश दिया है कि वह शिकायतकर्ता का ब्रॉडबैंड कनेक्शन को डिस्कनेक्ट कर बिल भेजना बंद करें, इसके साथ ही इस वजह से शिकायतकर्ता को मानसिक परेशानी हुई इसके लिए 12 हजार की राशी जुर्माने के तौर पर दें।

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