लोग और स्टूडेंट के लिए खतरा बन रहे हैं सफेदे के पेड़, प्रशासन को हादसे का इंतजार
शहर में लगभग 117 सरकारी स्कूल है जिनमें करीब 4000 से ज्यादा सफेदे के पेड़ खड़े हुए हैं। अगर हम एक सरकारी स्कूल की बात करें तो उस में औसतन 20 से 25 सफेदे के पेड़ हैं।
चंडीगढ़, वैभव शर्मा। सावन का महीना शुरू होने वाला है। इसके अलावा बरसात आने वाले समय में शहर में दस्तक देने वाली है। शहर के सरकारी स्कूलों में खड़े सफेदे के पेड़ स्कूल में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स और आम लोगों के लिए खतरा बने हुए। शहर में लगभग 117 सरकारी स्कूल है जिनमें करीब 4000 से ज्यादा सफेदे के पेड़ खड़े हुए हैं। अगर हम एक सरकारी स्कूल की बात करें तो उस में औसतन 20 से 25 सफेदे के पेड़ हैं। इन पेड़ों का आकार काफी बड़ा है और बरसात के मौसम में यह लोगों और स्टूडेंट की जान के लिए खतरा बन सकते हैं। इनमें कई पेड़ तो ऐसे हैं जिन की शाखाएं झुकी हुई है और कभी भी टूट कर गिर सकती हैं। इस बात को देखते हुए चंडीगढ़ प्रशासन ने हॉर्टिकल्चर विभाग को शहर के सरकारी स्कूलों से ऐसे सफेदे के पेड़ों को हटाने का निर्णय लिया था। लेकिन डेढ़ वर्ष पहले दिया कि इस आदेश के बाद अभी तक इस पर अमल नहीं हो पाया।
किसके अधीन आता है एरिया, इस पर फंसा पेंच
पेड़ों को काटने या हटाने में सबसे बड़ी दिक्कत एरिया की आ रही है। शहर में तो हॉर्टिकल्चर विभाग नगर निगम के अधीन और दूसरा प्रशासन के। ऐसे में सरकारी स्कूलों में खड़े सफेदे के पेड़ किस के अंदर आते हैं इस बात का फैसला नहीं हो पाया हैं।
पहले भी सरकारी स्कूलों में पेड़ गिरने की हो चुकी है घटना
शहर के सरकारी स्कूलों में खड़े सफेदे के पेड़ गिरने की कई घटनाएं हो चुकी है। सेक्टर 19 स्थित सरकारी स्कूल, सेक्टर 10, 11, 26, मनिमाजरा मॉडल टाउन, मलोया, डडू माजरा आदि कई जगह ऐसी है जहां पर पेड़ गिर चुके हैं। उसके बावजूद स्कूलों से इन पेड़ों को नहीं हटाया गया।
जीएमएसएसएस 35 डी में कभी भी गिर सकता है पेड़
सेक्टर 35 स्थित जीएमएसएसएस में भी ऐसा ही मंजर देखने को मिल रहा है। जहां एक सफेदे के पेड़ की शाखा पूरी तरह से नीचे की ओर झुकी हुई है। यह शाखा कभी भी टूट कर गिर सकती है। जिस ओर यह शाखा झुकी हुई है वहां से रोजाना बड़ी संख्या में लोग और वाहन चालक गुजरते हैं।
नहीं दे रहा इस ओर कोई ध्यान
पेड़ की शाखा झुके होने की शिकायत स्थानीय निवासियों ने कई बार की है। पेड़ के झुके होने की वजह से दीवार टूटने का भी खतरा बना हुआ है। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से लेकर स्कूल प्रबंधक तक को पत्र लिखकर पेड़ को हटाने की मांग की है लेकिन स्कूल प्रबंधक और प्रशासन शायद किसी बड़े हादसे की इंतजार कर रहा है।