तीन मंत्री पहुंचे चीफ सेक्रेटरी की मौजूदगी वाली मीटिंग में, पहले किया था बहिष्कार का ऐलान
पंजाब में मुख्य सचिव और मंत्रियों के विवाद में नया मोड़ आया है। पहले बहिष्कार करने का ऐलान करने वाले तीन मंत्री मुख् सचिव की मौजूदगी वाली बैठक में शामिल हुए।
चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। पिछले हफ्ते चीफ सेक्रेटरी के साथ विवाद में रहे कैबिनेट मंत्रियों की एकता में दरार पड़ती नजर आ रही है। कोविड-19 को लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर बुलाई गई रिव्यू मीटिंग में तीन मंत्री शामिल हुए। इसमें स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू, मेडिकल एजुकेशन मंत्री ओपी सोनी और खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु भी शामिल हुए।
भारत भूषण आशु, बलबीर सिद्धू व ओपी सोनी हुए शामिल, डॉ. केके तलवार ने दी प्रेजेंटेशन
गौरतलब है कि नई आबकारी नीति को लेकर 10 मई को बुलाई गई कैबिनेट की मीटिंग से पहले प्री-कैबिनेट में वित्तमंत्री मनप्रीत बादल, सहकारिता मंत्री सुखजिंदर रंधावा व तकनीकी शिक्षा मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी का चीफ सेक्रेटरी करण अवतार सिंह से जबरदस्त विवाद हुआ था। हालात यहां तक पहुंच गई कि वित्तमंत्री मनप्रीत बादल यह कहते हुए मीटिंग का बहिष्कार कर गए कि ऐसे अफसरों के साथ मीटिंग करनी ही नहीं है।
उन्होंने कहा था कि वह कभी उस मीटिंग में शामिल नहीं होंगे, जिसमें चीफ सेक्रेटरी करण अवतार सिंह होंगे। उनका साथ कई और मंत्रियों ने भी दिया। दरअसल मुख्यमंत्री करण अवतार ंिसह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करना चाहते क्योंकि वह इसी साल के अगस्त महीने में रिटायर होने वाले हैं।
पंजाब में अब 70 दिन में दोगुने हो रहे कोरोना संक्रमित
कोरोना को लेकर मुख्यमंत्री की ओर से बुलाई इस मीटिंग में डॉ केके तलवार ने बताया कि पंजाब में कोरोना संक्रमितों की संख्या अब 70 दिनों में दोगुनी हो रही है। राज्य में कोरोना संक्रमितों की वृद्धि दर सिर्फ एक फीसद है। राज्य में अब तक कोरोना संक्रमितों की 35 मौतों में से सिर्फ एक को छोड़ कर अन्य सभी को कोई न कोई अन्य बीमारी थी। मृतकों में 24 पुरुष व 11 महिलाएं हैं। मृतकों में से 16 को हाइपरटेंशन, डायबिटीज, फेफड़ों में इन्फेक्शन या मोटापे जैसी कोई एक अन्य बीमारी व 18 को एक से अधिक बीमारियां थी। डॉ. तलवार ने बताया कि पंजाब से दूसरे राज्यों में जाने वाले सिर्फ एक फीसद प्रवासी मजदूर कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
कोरोना टेस्ट करने की क्षमता में होगा सुधार
मुख्यमंत्री को बताया गया कि एक सप्ताह बाद राज्य की सरकारी लैबोरेटरियों में कोरोना टेस्ट करने की क्षमता में काफी सुधार होगा। राज्य में फिलहाल 1400 टेस्ट रोज करने की क्षमता के मुकाबले अगले सप्ताह राज्य के तीन सरकारी मेडिकल कॉलेजों में ही रोज 4650 कोरोना टेस्ट किए जा सकेंगे। अगले 25 दिन में पंजाब में कोरोना टेस्ट के लिए चार और लैबोरेटरियां तैयार हो जाएंगी। इन सभी में रोज एक-एक हजार टेस्ट किए जा सकेंगे।
बाहर से आने वाले का भी होगा टेस्ट
दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों के अलावा स्वास्थ्य विभाग अब ज्यादा लोगों के संपर्क में आने वाले पुलिस, चिकित्सा विभाग या प्रशासन के अधिकारियों की टेस्टिंग करने पर विचार कर रहा है। इनमें गेहूं की खरीद प्रक्रिया में शामिल रहे अधिकारी, ट्रक ड्राइवर, लोडर, मंडी सुपरवाइजर, बैंककर्मी, मंडियों के व्यापारी आदि शामिल होंगे। बस ड्राइवर, कंडक्टर आदि को भी टेस्ट किया जाएगा।