पूर्व डीजीपी का पीए रिमांड पर, फरार आरोपितों की तलाश में छापे
पंजाब पुलिस विभाग में फर्जी प्रमोशन मामले की जांच के तहत गिरफ्तार पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय के पीए कुलविदर को शनिवार कोर्ट में पेश किया गया। वहां स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम की दलील सुनकर कोर्ट ने आरोपित को तीन दिन के रिमांड पर भेज दिया।
जासं, चंडीगढ़ : पंजाब पुलिस विभाग में फर्जी प्रमोशन मामले की जांच के तहत गिरफ्तार पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय के पीए कुलविदर को शनिवार कोर्ट में पेश किया गया। वहां स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम की दलील सुनकर कोर्ट ने आरोपित को तीन दिन के रिमांड पर भेज दिया। पीए की भूमिका फर्जी प्रमोशन लिस्ट सहित अन्य धांधली में हस्ताक्षर करने का मिली है। चार दिन की रिमांड खत्म होने के बाद रविवार को एक इंस्पेक्टर, डीजीपी आफिस में तैनात दो सुपरिंटेंडेंट और एक हेड कांस्टेबल को रविवार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश करेगी।
सूत्रों के अनुसार कुलविदर सिंह ने फर्जी प्रमोशन लिस्ट पर हस्ताक्षर किया था। इसके अलावा पुलिस विभाग में चल रही बड़े लेवल की धांधली के मास्टरमाइंड सब इंस्पेक्टर हरविदर सिंह का सहयोगी भी है। मामले का खुलासे होने के बाद से एसआई हरविदर सहित उसका मुलाजिम बेटा भी अनुपस्थित होकर फरार चल रहा है। हरविदर का नाम 11 लोगों की प्रमोशन लिस्ट में शामिल था। दोनों संदिग्ध सहित चार आरोपितों की तलाश जारी हैं। डीजीपी सहोता के समय भी पीए रहा कुलविदर
पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनने से अब तक कुल चार अलग-अलग डीजीपी के तबादले हो चुके हैं। सूत्रों के अनुसार पूर्व डीजीपी इकबाल प्रीत सिंह सहोता के समय पर भी आोरपित कुलविदर ही पीए था। वहीं, सूत्रों के अनुसार अभी तक जांच में सामने आ रहा है कि इससे पहले भी डीजीपी के कार्यकाल खत्म होने के दौरान आरोपितों ने इस तरह के फर्जी प्रमोशन, विभागीय जांच में राहत और रिक्रूटमेंट तक फर्जी हस्ताक्षर के आधार पर किए हैं।