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घोटाले की गाज, सुखबीर बादल के दो करीबी अफसर सहित तीन गिरफ्तार

पंजाब के ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी के घोटाले में विजिलेंस से बड़ी कार्रवाई की है। विजिलेंस ने इस मामले में सुखबीर बादल के करीबी अफसर सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 10 Jun 2017 09:24 AM (IST)Updated: Sat, 10 Jun 2017 01:27 PM (IST)
घोटाले की गाज, सुखबीर बादल के दो करीबी अफसर सहित तीन गिरफ्तार
घोटाले की गाज, सुखबीर बादल के दो करीबी अफसर सहित तीन गिरफ्तार

जेएनएन,चंडीगढ़। ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (गमाडा) में 1000 करोड़ रुपये के घोटाले में पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने बड़ी कार्रवाई की है। विजिलेंस ने गमाडा के पूर्व चीफ इंजीनियर सुरिंदर पाल सिंह और एक ओंकार बिल्डर्स एंड कंस्ट्रक्टर प्राइवेट के दो निदेशकों को गिरफ्तार किया है। विजिलेंस ने कुल पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। बाकी दो आरोपियों की भी जल्द गिरफ्तारी हो सकती है।

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गमाडा में 1000 करोड़ रुपये के घोटाले में विजिलेंस की कार्रवाई

सुरिंदर पाल अभी मंडी बोर्ड में कार्यरत हैं। वह पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल के काफी करीबी बताए जाते हैं। सुरिंदरपाल सिंह पर अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए चहेती कंपनियों को लाभ पहुंचाने और फर्जी कंपनियां बनाने का आरोप है। बताया जाता है कि विजिलेंस ने छापे में सुरिंदर पाल की 200 करोड़ रुपये की संपत्ति का पता लगाया है।

गिरफ्तार लाेगाें में पूर्व चीफ इंजीनियर व कंस्ट्रक्शन कंपनी के दो निदेशक शामिल

विजिलेंस ने सुरिंदर पाल सिंह के अलावा एक ओंकार बिल्डर्स एंड कंस्ट्रक्टर प्राइवेट के दो निदेशकों गुरमेज सिंह और मोहित कुमार को भी गिरफ्तार किया है। इनके अलावा राजिंदर एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के गुरिंदरपाल सिंह टिंकू व ओएसिस टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के अमित गर्ग पर भी मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों से पूछताछ में कई खुलासे हो सकते हैं। कांग्रेस सरकार के गठन के बाद यह सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।

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लुधियाना, चंडीगढ़ व मोहाली समेत नौ स्थानों पर छापे

शुक्रवार को विजिलेंस ने चंडीगढ़, लुधियाना और मोहाली में नौ स्थानों पर एक साथ छापे मारे। टीम ने गमाडा के मोहाली स्थित कार्यालय से कुछ दस्तावेज भी कब्जे में लिए हैं। इस मामले में जल्द ही कुछ और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।

काले धन को किया सफेद

सुरिंदर पाल पर आरोप है कि अपने कार्यकाल के दौरान कुछ निर्माण कंपनियों को गैरकानूनी रूप से अपने परिवार और उनके फर्जी फर्मों में लेन-देन करने के लिए काले धन सफेद किया। आरोपी ने अप्रत्यक्ष रूप से अपनी पत्नी और मां के नाम पर चार कंपनियां बनाईं। एक ओंकार बिल्डर्स में अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी ली। अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उक्त कंपनियों को काम दिया और कमीशन ली।

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इन जगहों पर रहे कार्यरत

सुरिंदर पाल सिंह 1993 में पंजाब मंडी बोर्ड के जूनियर इंजीनियर के रूप में शामिल हुए। वे 2016 से गमाडा मोहाली के मुख्य इंजीनियर के रूप में कार्यरत थे। हाल ही में मंडी बोर्ड में वापस आए थे। इससे पहले वह लुधियाना में पंजाब मंडी बोर्ड में कार्यकारी इंजीनियर, मोहाली मंडी बोर्ड के कार्यकारी इंजीनियर और जालंधर में मंडी बोर्ड के कार्यकारी इंजीनियर पद पर कार्यरत रहे हैं। इसके अलावा, वह मंडी बोर्ड जालंधर, लुधियाना, मोहाली, जीएमएडीए, एक्सेल सी -1, जीमैदा, एक्सेल सी -2 और जीएमएडीए में हुए घपलों के आरोपों का भी सामना कर रहे हैं।

अकाली नेताओं को लाभ पहुंचाने का आरोप

गमाडा में बतौर चीफ इंजीनियर सुरिंदर पाल पास ने दो दर्जन से ज्यादा ऐसे प्रोजेक्टों को हरी झंडी दी, जिससे पूर्व अकाली नेताओं को लाभ पहुंचा। सूत्रों के अनुसार उन्होंने अपने कार्यकाल में करीब 200 प्रोजेक्टों को हरी झंडी दी। इसमें  चंडीगढ़-खरड़ रोड पर राष्ट्रीय राजमार्ग 21 में 73/74 जंक्शन तक 200 फीट सड़क के निर्माण के अलावा एयरपोर्ट रोड सहित दो दर्जन से ज्यादा हाउसिंग प्रोजेक्ट भी शामिल हैं।


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