Summer vacation में इस बार कालका-शिमला वर्ल्ड हेरिटेज रेलमार्ग का लुत्फ नहीं ले पाएंगे यात्री
116 साल पुराने कालका-शिमला रेलवे मार्ग पर हर महीने 12 से 15 हजार यात्री सफर करते हैं। मार्ग में 103 सुरंगें आती हैं जो सफर को रोमांचक बना देती हैं।
चंडीगढ़, [विकास शर्मा]। हर साल समर वेकेशन के दौरान वर्ल्ड हेरिटेज कालका-शिमला रेलमार्ग पर यात्रियों की संख्या में इजाफा देखा जाता था, लेकिन रोमांच के शौकीन इस बार खासे निराश होंगे। दरअसल कोरोना महामारी के चलते रेल यातायात बंद है इसके मद्देनजर लोग इस बार अपने समर वेकेशन में इस रोमांच भरे सफर का मजा नहीं ले सकेंगे। डिविजन रेलवे मैनेजर जीएम सिंह ने बताया कि अभी 12 अगस्त तक ट्रेनों की आवाजाही बंद रहेगी। इसके बाद रेलवे बोर्ड की गाइडलाइंस के मुताबिक ही ट्रेनों के संचालन पर कोई फैसला लिया जाएगा।
कालका रेलवे के स्टेशन अधिक्षक गोकुल सिंह ने बताया कि इस रूट पर कालका-शिमला एक्सप्रेस, हिमालयन क्वीन, कालका-शिमला पास एक्सप्रेस जाती हैं, इसमें 150 के करीब यात्री जाते हैं, जबकि रिजर्व शिवालिक डीलक्स एक्सप्रेस और हिमदर्शन डीलक्स एक्सप्रेस रिजर्व ट्रेनें हैं, इनमें 100 के करीब यात्री सफर कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि एक्सप्रेस ट्रेनों में 25 से 60 रुपये के बीच किराया है, जबकि रिजर्व डीलक्स कोच में 460 रुपये से 630 रुपये तक किराया तय किया गया है। वैसे तो इस रूट पर हर महीने 12 से 15 हजार यात्री सफर करते हैं, लेकिन पीक सीजन (गर्मियों) में यात्रियों की संख्या 20 से 30 फीसद बढ़ जाती है। इसके लिए एक अतिरिक्त ट्रेन को इस रूट पर चलाया जाता है।
116 साल पुराना है कालका-शिमला रेलवे मार्ग
कालका-शिमला रेलवे मार्ग 116 साल पुराना है। नौ नवंबर 1903 को इस रेलमार्ग की शुरुआत हुई थी। 1896 में इस रेलमार्ग को बनाने का कार्य दिल्ली-अंबाला कंपनी को सौंपा गया था। रेलमार्ग कालका स्टेशन (656 मीटर) से शिमला (2,076 मीटर) तक जाता है। 96 किमी. लंबे इस रेलमार्ग पर 18 स्टेशन हैं। साल 1921 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी इस मार्ग से यात्रा की थी।
103 सुरंग से ट्रेन को गुजरते देख रोमांचित हो उठते हैं पर्यटक
कालका-शिमला रेलवे लाइन पर 103 सुरंगें हैं, जो सफर को रोमांचक बना देती हैं। बड़ोग रेलवे स्टेशन पर 33 नंबर बड़ोग सुरंग सबसे लंबी है जिसकी लंबाई 1143.61 मीटर है। सुरंग क्रॉस करने में टॉय ट्रेन अढ़ाई मिनट का समय लेती है। रेलमार्ग पर 869 छोटे-बड़े पुल है। कालका-शिमला रेलमार्ग को नेरोगेज ट्रैक भी कहते हैं। इसमें पटरी की चौड़ाई दो फीट छह इंच है।
साल 2008 में यूनेस्को ने दिया था वर्ल्ड हेरिटेज का दर्जा
कालका-शिमला रेलवे लाइन को यूनेस्को ने जुलाई 2008 में वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल किया था। इसी रूट पर कनोह रेलवे स्टेशन पर ऐतिहासिक आर्च गैलरी पुल 1898 में बना था। शिमला जाते हुए यह पुल 64.76 किमी. पर मौजूद है। आर्च शैली में निर्मित चार मंजिला पुल में 34 मेहराबें हैं।