PU में ये हाल... छात्र संगठन व टीचर्स का कंधा, राजनीतिक दलों की बंदूक और निशाना वीसी
इन दिनों पीयू कैंपस में खुलकर राजनीति हो रही है। सीनेट चुनाव करवाने को लेकर रोजना विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। सीनेट इलेक्शन को लेकर राजनीतिक दल भी वाइस चांसलर को घेरने की कोशिश में लगे हुए हैं।
चंडीगढ़, [वैभव शर्मा]। पंजाब यूनिवर्सिटी (Punjab University) में सीनेट चुनाव (senate Election) अब पीयू का आंतरिक मामला नहीं रहा गया है। राजनीति (Politics) से प्रेरित टीचर्स, छात्र संगठन और राजनीतिक दलों ने सीनेट चुनाव का मुद्दा अपने हाथों में ले लिया है। अगर यह कहा जाए कि छात्र संगठन, राजनीति से प्रेरित टीचर्स के कंधे, राजनीति दलों की बंदूक और निशाने पर वाइस चांसलर तो यह गलत नहीं होगा।
सीनेट चुनाव को लेकर पंजाब कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं। रोजाना कैंपस में सीनेट चुनाव को लेकर प्रदर्शन चल रहे हैं। इन सबके बीच पीयू वाइस चांसलर प्रो. राजकुमार ने कई बार साफ कर चुके हैं कि जब तक हालात सामान्य नहीं होंगे तब तक चुनाव करवाना खतरे से खाली नहीं है। इसके विपरीत पूर्व सीनेट सदस्य, पुटा सदस्य, राजनीतिक दल और छात्र संगठन चुनाव आयोजन पर अड़े हुए हैं।
पंजाब में हो चुकी है नाइट कर्फ्यू की घोषणा
सीनेट चुनाव न होने से सबसे ज्यादा परेशानी पंजाब के राजनीतिक दलों को हो रही है। पंजाब में कोरोना के मामले बढ़ने से वहां पर एक दिसंबर से नाइट कर्फ्यू की घोषणा कर दी गई है। बावजूद इसके पंजाब के राजनीतिक दलों का सीनेट चुनाव के लिए अड़ना समझ से परे है।
वीसी के सवालों का किसी के पास नहीं जवाब
प्रदर्शन कर रहे लोगों को वीसी ने कहा है कि उनमें से कोई चुनाव की जिम्मेदारी ले ले। अगर चुनाव के दौरान किसी को कुछ होता है तो उसका जिम्मेदार वीसी नहीं होगा, लेकिन वीसी की इस बात का किसी के पास कोई जवाब नहीं है। राजनीतिक दल जबरन सीनेट बैठक आयोजित करने पर अड़े हुए है।
शिक्षकों के रवैये से पीयू को नुकसान
प्रदर्शन के दौरान जिस तरह से शिक्षक शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं, उसे देख कर कैंपस के लोग ही कहने लगे हैं कि इन्हें देखकर नहीं लगता कि वो शिक्षक हैं। शिक्षकों की ऐसी हरकतों के किस्से केवल कैंपस में ही नहीं बल्कि कॉलेजों में भी हो रहे हैं। इससे पीयू की इमेज खराब हो रही है, जिससे पीयू को नुकसान हो सकता है।