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सीपीसीसी का नोटिस, तय मानकों में प्लास्टिक मैन्यूफेक्चरिंग नहीं तो यूनिट होगी सील Chandigarh News

सिंगल यूज प्लास्टिक बैन के लिए प्रशासन ने सभी तरह से सख्ती शुरू कर दी है।

By Edited By: Published: Sun, 06 Oct 2019 10:41 PM (IST)Updated: Mon, 07 Oct 2019 11:23 AM (IST)
सीपीसीसी का नोटिस, तय मानकों में प्लास्टिक मैन्यूफेक्चरिंग नहीं तो यूनिट होगी सील Chandigarh News
सीपीसीसी का नोटिस, तय मानकों में प्लास्टिक मैन्यूफेक्चरिंग नहीं तो यूनिट होगी सील Chandigarh News

चंडीगढ़ [बलवान करिवाल]। सिंगल यूज प्लास्टिक बैन के लिए प्रशासन ने सभी तरह से सख्ती शुरू कर दी है। अब सभी मैन्यूफेक्चरिंग यूनिटों को भी नोटिस भेजकर मैन्यूफेक्चरिंग रोकने के आदेश दे दिए हैं। चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (सीपीसीसी) ने सभी यूनिटों को नोटिस भेजकर तय मानकों के आधार पर ही मैन्यूफेक्चरिंग करने के आदेश दिए हैं। ऐसा नहीं करने पर यूनिट पर ताला भी लग सकता है। यह सख्त हिदायत दे दी गई है। इंडस्ट्रियल एरिया में ऐसी 20 से अधिक मैन्यूफेक्चरिंग यूनिटें हैं। जिनमें प्लास्टिक से जुड़ी मैन्यूफेक्च¨रग होती है। हालांकि पॉलीथिन मैन्यूफेक्चरिंग यूनिटें 2015 के बाद ही चंडीगढ़ से दूसरे शहरों में शिफ्ट हो गई थी। सिंगल यूज पॉलीथिन तभी से अधिकतर दूसरे शहरों से आ रहा है।

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यह नोटिस सिर्फ मैन्यूफेक्चरर को ही नहीं बल्कि डिस्ट्रीब्यूटर्स को भी भेजा गया है। जिससे यह ऐसे सिंगल यूज प्लास्टिक को मार्केट में सप्लाई करने से पहले मानकों को अच्छे से समझ लें। इस नोटिस के बाद सोमवार से एनफोर्समेंट डिपार्टमेंट की ज्वाइंट टीमें छापेमारी कर चालान की प्रक्रिया शुरू करेंगी। अब नोटिफिकेशन में बदलाव कर सिंगल यूज प्लास्टिक इस्तेमाल पर पांच साल की सजा और एक लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

मैन्यूफेक्चरिंग में इनका रखना होगा ध्यान

सीपीसीसी ने सभी मैन्यूफेक्चरिंग यूनिटों को बैन के बाद निर्धारित किए गए मानकों की जानकारी दे दी है। जिसमें उन्हें स्पष्ट कर दिया गया है कि 50 माइक्रोन्स से कम किसी भी तरह की इंडस्ट्रियल पैकेजिंग की मैन्यूफेक्चरिंग नहीं हो सकती। 250 माइक्रोन से कम के सिंगल यूज प्लास्टिक कंटेनर जिसमें डिश, बाउल, ट्रे, गिलास और लेड शामिल हैं, नहीं बनाए जा सकते। इसी तरह से डेयरी आइटम्स में इस्तेमाल होने वाली पैके¨जग में भी 250 माइक्रोन से कम प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं हो सकता। इसके साथ ही 50 एमएल/50 ग्राम से कम पैकेजिंग कैपेस्टी के सैशे नहीं बना सकते। 500 एमएल क्वांटिटी से कम प्लास्टिक रीफिल पाउच नहीं बनाए जा सकते। इंडस्ट्री को को उन चीजों की जानकारी भी दे दी गई है। जिनका इस्तेमाल तीन महीने बाद से बंद होना है।

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