वाइन शॉप पर गोलियां चलाने वाले दोनों शूटर गिरफ्त से बाहर
दो शूटरों को पुलिस 19 दिन बीत जाने के बाद भी गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सेक्टर-9 स्थित वाइन शॉप में फिल्मी अंदाज में फायरिग करने वाले दो शूटरों को पुलिस 19 दिन बीत जाने के बाद भी गिरफ्तार नहीं कर पाई है। जबकि मामले में सेक्टर-3 थाना पुलिस द्वारा इन शूटरों की सहायता करने वाले अपराधी वैंकेट गर्ग नाम के युवक को गिरफ्तार किया गया था। इसके साथ ही पुलिस द्वारा वारदात में इस्तेमाल की गई गाड़ियां व हथियार बरामद किए गए। जबकि शूटरों का अभी तक कुछ अता-पता नहीं लगा है। वहीं, सेक्टर-33 निवासी शराब कारोबारी राकेश सिगला के घर पर ताबड़तोड़ फायरिग करने के मामले में भी पुलिस शूटर लुधियाना निवासी करण शर्मा को गिरफ्तार कर पाई है। मुख्य शूटर नितिन नाहर को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मामले में शामिल अन्य तीन शूटर अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं। इनकी हो चुकी गिरफ्तारी
शूटरों के मददगार अंबाला की चानन कॉलोनी निवासी वैंकेट गर्ग की गिरफ्तारी हो चुकी है। नारायणगढ़ के पास से आरोपित वैंकेट को धर दबोचने के बाद पुलिस ने उसका रिमांड हासिल किया था। उसकी निशानदेही पर सेक्टर-3 थाना पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल होंडा अमेज कार जगाधरी और आल्टो कार नारायणगढ़ से बरामद की थी। टीम ने पड़ताल के दौरान सुमित कुमार नाम के व्यक्ति के जीरकपुर के पटियाला रोड पर स्थित फार्म हाउस से एक ऑटोमेटिक पिस्टल, तीन जिदा कारतूस व मैगजीन के अलावा चंडीगढ़ नंबर की एक ऑडी कार बरामद किए थे। हालांकि आरोपित इसकी भनक लगते ही फरार हो गया था। वैंकेट ने पुलिस पूछताछ में बताया था कि शूटर टोपी ने उसे फोन कर कहा था कि वह यह हथियार सुमित के हवाले कर दे। जिसके बाद पुलिस सुमित को गिरफ्तार करने के लिए पहुंची थी। वहीं, एक आरोपित मनजिंदर के फार्म हाउस (कुम्हार माजरा) से उसकी फॉर्च्यूनर गाड़ी को बरामद की थी। पुलिस जांच में सामने आया कि मनजिंदर सिंह, मनदीप उर्फ जिओना, कुरुक्षेत्र के इस्माइलाबाद निवासी रणजीत सिंह उर्फ जैंती के साथ मिलकर शूटरों को इसी फार्च्यूनर से एक से दूसरी जगह पहुंचाने में मदद करते थे। ये बदमाश हरियाणा के
गोलियां बरसाने वाले हरियाणा के पिहोवा निवासी अमरप्रीत उर्फ टोपी व हिसार के गांव हांसी निवासी दविदर चावला को पकड़ना तो दूर की बात, पुलिस उनका अता-पता लगाने में नाकाम रही है। पुलिस उनके नजदीक भी नहीं पहुंच सकी है। टोपी एक कुख्यात अपराधी है। उसपर पुलिस कर्मी की हत्या समेत रंगदारी के कई मामले दर्ज हैं।