सांप और कैदी की कहानी ने दी कोरोना से लड़ने की ताकत
कोरोना एक महामारी है जिसका कोई इलाज नहीं है।
सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़ : कोरोना एक महामारी है, जिसका कोई इलाज नहीं है। लेकिन उसे हम बेहतर इम्यूनिटी सिस्टम के साथ-साथ पॉजिटिव सोच से भी हरा सकते हैं। यह कहना है भारत विकास परिषद के अध्यक्ष अजय दत्ता का। अजय दत्ता 17 दिन तक कोरोना का घर पर इलाज करने के बाद अब वापस समाजसेवा के कामों में जुट गए हैं और रोजाना सेक्टर-24 स्थित इंद्रा होलिडे होम में आ रहे हैं। और सारे कामों को सुचारू रूप से चला रहे हैं। दत्ता ने बताया कि जब कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो हमसे पहले समाज के व्यवहार को देखकर हैरानी महसूस हुई। आस-पड़ोस का हर व्यक्ति दूरी बनाकर भागने की कोशिश में था। वह चीज देखकर थोड़ी हैरानी भी हुई और बुरा भी लगा। मुझे एक बीमारी थी, जिसका कोई इलाज नहीं, पर जो लोग मेरे आसपास रहते थे, वही मुझे देखना भी पसंद नहीं कर रहे थे। सबने साथ छोड़ा तो याद आ गई यह कहानी
अजय दत्ता ने बताया कि जब सभी छोड़कर भाग रहे थे, तो मुझे सांप और कैदी की कहानी याद आई, जिसमें कैदी को बताया जाता है कि तुम्हें फांसी पर लटकाने के बजाय सांप से कटवाकर मारा जाएगा। उसकी आंखों पर पट्टी बांध दी जाती है और उसके पैर पर दो सूई चुभोई जाती हैं। उसके बाद कैदी को देखा जाता है, तो वह मर गया होता है, क्योंकि उस पर सांप के जहर से ज्यादा डर हावी था। इसी बात को मैंने अपनी हिम्मत बनाई और सात दिन में कोरोना के सारे लक्षण मेरे खत्म हो गए थे। इसलिए कोरोना बचाव के लिए हिम्मत की बहुत ज्यादा जरूरी है। सावधानी के अलावा डॉक्टर की काउंसलिग जरूरी
कोरोना से बचाव के बारे में अजय ने बताया कि हमें मास्क का इस्तेमाल बेहतर तरीके से और बिना लापरवाही के करना चाहिए। किसी से मिलते समय मास्क डालकर ही रखें। इसके साथ दूसरी बड़ी चीज है डॉक्टर की सलाह। डॉक्टर यदि एक या दो दिन में मरीज के साथ टेलीफोन पर ही बात कर लेता है, तो उसे हौसला हो जाता है कि डॉक्टर उसके साथ है। वह ठीक हो जाएगा। जब मरीज बिल्कुल अकेला हो जाता है, तो वह अकेलेपन से ही डरकर मर जाता है।