Punjab University में लगे कैमरों की क्वालिटी खराब, सुरक्षा पर उठ रहे सवाल Chandigarh News
कैमरों की रिजोल्यूशन खराब होने की वजह से खास तौर से रात के वक्त तो कैमरों में साफ तौर पर कुछ भी नजर आना मुश्किल है। जाहिर है ऐसे मामले में पीयू प्रशासन केवल खानापूर्ति कर रहा है।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब यूनिवर्सिटी कहने को तो शिक्षण संस्थान है, लेकिन यहां से अभी तक कई वाहन चोरी हो चुके हैं। उसके अलावा छात्राओं के साथ भी छेड़छाड़ जैसी घटनाएं रोजाना घटित होती हैं। वहीं कैंपस में कई स्थानों पर लगे कैमरों की क्वालिटी ऐसी नहीं है कि किसी भी तरह की आपराधिक या आपत्तिजनक गतिविधि की जांच के मामले में इन कैमरों की मदद ली जा सके।
कैमरों की रिजोल्यूशन खराब होने की वजह से खास तौर से रात के वक्त तो कैमरों में साफ तौर पर कुछ भी नजर आना मुश्किल है। जाहिर है ऐसे मामले में पीयू प्रशासन केवल खानापूर्ति कर रहा है। कहने के लिए इस साल सितंबर में ही सीसीटीवी कैमरों का क्वालिटी रिव्यू चेक करने का फैसला हुआ था। मगर दो माह बाद भी इस ओर काम नहीं हो पाया। इतना ही नहीं डेढ़ वर्ष पहले भी सुरक्षा को देखते हुए बनाया गया था प्रोजेक्ट। अब स्थिति यह है कि तीनों मेन गेट पर भी नाइट वीजन कैमरे नहीं लगे हैं।
गौरतलब है कि कई बार कैंपस में स्टूडेंट्स और छात्र काउंसिल के सदस्यों ने सुरक्षा के मामलों पर पीयू प्रशासन के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया था। उसके बावजूद पीयू प्रशासन को कोई फर्क नहीं पड़ा और कैंपस में माहौल जस का तस है।
बाहरी वाहनों की रहती है भरमार
पीयू कैंपस में हाई क्वालिटी के सीसीटीवी कैमरे इसलिए भी जरूरी है क्योंकि कैंपस में ज्यादातर आउटसाइडर्स वाहनों पर गेडिया मारते है। यह आउटसाइडर्स कैंपस और यहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के लिए सबसे बड़ा खतरा है, जिसे रोकने में पीयू प्रशासन अभी तक नाकाम साबित हुआ है। आउटसाइडर्स के सामने पीयू प्रशासन और सुरक्षा गार्ड सब विफल हो रहे है। अगर इन आउटसाइडर्स में कोई कैंपस में बड़ी घटना को अंजाम देकर चला जाता है तो पीयू प्रशासन के कैमरे उसकी रिकार्डिंग करने में असमर्थ होंगे। सूत्रों के अनुसार कैमरे की खराब क्वालिटी की वजह से ही कई मामलों की जांच लटकी हुई है। गेटों पर लगे कैमरों का ही हाल बुरा है। ऐसे में पीयू प्रशासन किस आधार पर सुरक्षा कड़ी होने का दावा करता है। पीयू के वीसी प्रो. राजकुमार ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कैंपस में लगे सभी सीसीटीवी कैमरों का क्वालिटी रिव्यू चेक करवाने का निर्णय लिया था। अब नवंबर माह भी आधा बीत चुका है और इस चे¨कग की रिपोर्ट का कोई अता पता नहीं है।
सुरक्षा पर एक करोड़ रुपये खर्च करने की थी प्लानिंग
करीब डेढ़ वर्ष पहले बोटनी विभाग की छात्रा को देखकर माली द्वारा की गई गलत हरकत के बाद पीयू विभाग ने बड़ा फैसला लिया था। उस समय निर्णय लिया गया था कि कैंपस की सुरक्षा के लिए एक करोड़ रुपये से हाई डेफिनेशन नाइट वीजन कैमरे, दीवारों पर फेंसिंग आदि लगेगी। इस निर्णय लिए हुए दो वर्ष होने वाले है लेकिन अभी तक इस ओर कोई कदम नहीं उठाया गया है।
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