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कमेटी का फैसला: इस राज्य के इतिहास की पुस्तक में गलतियां होंगी दूर

इतिहास की पुस्तक पर विवाद के बाद पंजाब सरकार ने पुस्तक छापने का फैसला फिलहाल वापस ले लिया। वहीं, मामले में कमेटी ने भी अपनी सफाई दी।

By Edited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 11:19 AM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 11:22 AM (IST)
कमेटी का फैसला: इस राज्य के इतिहास की पुस्तक में गलतियां होंगी दूर

जेएनएन, मोहाली। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (पीएसईबी) की बारहवीं की इतिहास की पुस्तक में गुरु साहिबान के बारे में गलत जानकारियां देने को लेकर हो रहे विवाद के बाद बेशक पंजाब सरकार ने पुस्तक छापने का फैसला फिलहाल वापस ले लिया, लेकिन वीरवार को सरकार की ओर से गठित की गई चार सदस्यीय कमेटी ने पत्रकारों के साथ बातचीत कर सफाई दी। टीम ने कहा कि गलतियां हुई हैं, लेकिन नेगेटिव के साथ पॉजिटिव पक्ष भी देखना चाहिए।

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ध्यान रहे कि सिख इतिहास की पुस्तक को लेकर चारसदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। जिसका चेयरमैन प्रोफेसर किरपाल सिंह को बनाया गया था, दो मेंबर एसजीपीसी से लिए गए थे, लेकिन पुस्तक में गुरु साहिबानों के प्रति लिखे शब्दों को लेकर विवाद हो रहा है। शिअद की ओर से इसके खिलाफ लगातार प्रदर्शन किया जा रहा है।

विवादित शब्दों पर सफाई देते हुए प्रोफेसर किरपाल सिंह, डॉ. जेएस ग्रेवाल, डॉ. प्रीतपाल सिंह कपूर और डॉ. इंदु बंगा ने अपना पक्ष रखा। कमेटी सदस्यों ने माना है कि पंजाब के सिख इतिहास की पुस्तक में कहीं न कहीं कुछ गलतिया हुई हैं। जो लूटमार का अर्थ है, वह लूटमार नहीं, फतेह है और दूसरा श्री गुरु हरगोबिंद द्वारा मीरीपीरी की दो तलवारें पहनी गई थी, उसका असली अर्थ क्या है?

इसके अलावा जो शहीद शब्द है, वह उर्दू का शब्द है और शहीद का अर्थ मुसलमान है, जबकि गुरमुखी में शहीद को ज्योति ज्योत समाना कहते हैं। कमेटी सदस्यों ने कहा कि कोई गलती हुई है, तो इसको दुरुस्त किया जाएगा। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि आगे कोई गलती न हो। मेंबरों ने कहा कि राजनीतिक पार्टिया इसका गलत मतलब निकालकर लोगों को असली बातों से दूर कर रही है। यह कोई बहुत बड़ी गलती नहीं है, लेकिन इसके अर्थ गलत तरीके से लोगों को समझाए जा रहे हैं। सभी त्रुटियों को दूर किया जाएगा।


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