डेराबस्सी दशहरा ग्राउंड की जमीन केस की सुनवाई फिर टली Chandigarh news
इस साल 26 फरवरी को एक्स पार्टी घोषित हुए लीज होल्डर ने अब डेराबस्सी कोर्ट में फिर से दस्तक दी हुई है।
डेराबस्सी, जेएनएन। शहर में बस स्टैंड के नजदीक करोड़ों रुपये की प्राइम लैंड दशहरा ग्राउंड पर दावे की सुनवाई के लिए डेराबस्सी कोर्ट ने पांच फरवरी की तारीख तय की है। इस साल 26 फरवरी को एक्स पार्टी घोषित हुए लीज होल्डर ने अब डेराबस्सी कोर्ट में फिर से दस्तक दी हुई है। लीज होल्डर के केस रिस्टोरेशन की याचिका मंजूर करते हुए कोर्ट ने दशहरा ग्राउंड पर काबिज सनातन धर्म सभा को सुनवाई के लिए 16 दिसंबर की तारीख तय की थी, लेकिन मामले में कोई सुनवाई नहीं हो सकी।
डेराबस्सी के एसडीजेएम कोर्ट में यह याचिका लीज होल्डर तरलोचन सिंह पुत्र बलबीर सिंह वासी गांव नन्हेड़ा, राजपुरा ने बीते साल दी थी। इसमें सभा के प्रधान सुशील व्यास और सदस्यों में रोशनलाल उपनेजा, जगदीश मग्गो व सोहनलाल के अलावा पंजाब वफ्फ बोर्ड, अंबाला कैंट को भी पार्टी बनाया गया था। याचिका में एक साइट प्लान भी साथ लगाया है और अपील की गई है कि 1145 वर्ग गज उक्त जमीन पर प्रतिवादियों को निर्माण कार्य करने से रोका जाए। उक्त जमीन पर प्रतिवादियों द्वारा बिना परमिशन के स्थापित की गई हनुमान जी की प्रतिमा भी हटाई जाए। याचिका ने कहा है कि वफ्फ बोर्ड से उसने 11.4.18 को उक्त जमीन 17 हजार रुपये प्रति माह के हिसाब से 35 महीने के लिए लीज पर ली है। यहां पर शोरूम व बूथ काटे जाने हैं जिसका कमर्शियल नक्शा व साइट प्लान भी जमा कराया हुआ है।
उधर, सभा के प्रधान सुशील व्यास के अनुसार 1985 में सभा का नाम रेवेन्यू रिकॉर्ड के बकायदा काश्तकार कॉलम में शामिल कर लिया गया। नगर परिषद ने भी 1991 में सभा के खिलाफ केस किया था जो कोर्ट में हार गई थी। उन्होंने कहा कि सभा ने इस जमीन को कई बार अवैध कब्जों से बचाया है। सनातन धर्म सभा के सदस्यों का कहना है कि काश्तकार खाने में सभा का नाम है जिसके 100 से अधिक सदस्य हैं, लेकिन सभा की जगह जानबूझकर केवल चार लोगों को पार्टी बनाया गया है। वह कोर्ट में पांच फरवरी को मजबूती से अपना पक्ष रखेंगे।
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