पौधे लगाकर बच्चों को सुनाई जा रही वीरों की गौरवगाथा
छोटी सी पहल एक पेड़ शहीद के नाम अभियान का रूप ले चुकी है।
बलवान करिवाल, चंडीगढ़ : पर्यावरण से जोड़ने और शहीदों के प्रति सम्मान जगाने के लिए शुरू की गई छोटी सी पहल एक पेड़ शहीद के नाम अभियान का रूप ले चुकी है। इस अभियान के जरिये न केवल चंडीगढ़ बल्कि हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में भी पौधे लगाए गए हैं। चंडीगढ़ भवन विद्यालय की टीचर अनु पसरीचा इस अभियान को आगे बढ़ा रही हैं। उन्होंने बताया कि इस अभियान से जुड़कर युवा पीढ़ी पर्यावरण की सेवा के साथ शहीदों के प्रति सम्मान का संदेश भी ले रही है। जुलाई 2019 में चंडीगढ़ के स्कूलों से इस अभियान की शुरुआत हुई। जिसमें तीन महीने के अंदर ही 50 से अधिक स्कूल कवर किए गए। बच्चों और स्कूल शिक्षकों ने मिलकर करीब 1700 पौधे लगाए। अभियान का उद्देश्य केवल पौधे लगाना नहीं है बल्कि युवा पीढ़ी में देशभक्ति का बीज बोना भी है। बच्चों से पौधारोपण कराने के बाद उन्हें एक शपथ भी दिलाई जाती है। जिसमें वे शहीदों की कुर्बानी को याद करते हुए उनके प्रति सम्मान की शपथ लेते हैं। चंडीगढ़ के अलावा कुल्लू, पंचकूला, मोहाली, करनाल, कुरुक्षेत्र जैसे शहरों तक अभियान पहुंच चुका है। फरवरी से इसे यमुनानगर में शुरू करने की तैयारी है। बच्चे करते हैं पौधों की देखभाल
अभियान के बाद पौधारोपण कर बच्चों और स्कूल टीचर्स को इनकी देखभाल की जिम्मेदारी दी जाती है। जिस वीर जवान की स्मृति में पौधा लगाया जाता है, उसकी वीर गाथा भी सुनाई जाती है। अनु पसरीचा ने बताया कि गवर्नमेंट और निजी दोनों तरह के स्कूलों को इससे जोड़ा जा रहा है। पौधारोपण अभियान में सेना से जुड़े अधिकारियों को बुलाया जाता है जिससे वह युवाओं को सेना में सेवा के लिए गाइड भी कर सकें। एक ईट शहीद के नाम से आया आइडिया
अनु पसरीचा ने बताया कि एक ईट शहीद के नाम अभियान से प्रेरित होकर यह अभियान शुरू किया गया। इस अभियान में लोगों से ईट-ईट जुटाकर उनके सहयोग से शहीदी स्मारक बनाए जा रहे हैं। करनाल, पिहोवा और बिलासपुर में ऐसे स्मारक बनाए भी जा चुके हैं। एक पेड़ शहीद के नाम अभियान में स्कूलों से टाईअप कर कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। अब 26 जनवरी तक इससे जुड़े कार्यक्रम करने तैयारी है।