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GMCH में 25 लाख खर्च कर बनाया फव्वारा तोड़ा, अब वहां चलेगी योगा क्लासेज Chandigarh News

अस्पताल के ही कर्मचारियों का कहना है कि मरीजों के नाम पर बिना प्लानिंग के पैसे खर्च किए जा रहे हैं। फव्वारे का लाभ तो मरीजों को नहीं मिला अब योगा क्लासेज का सपना दिखाया जा रहा है।

By Edited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 09:07 PM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 09:39 AM (IST)
GMCH में 25 लाख खर्च कर बनाया फव्वारा तोड़ा, अब वहां चलेगी योगा क्लासेज Chandigarh News
GMCH में 25 लाख खर्च कर बनाया फव्वारा तोड़ा, अब वहां चलेगी योगा क्लासेज Chandigarh News

चंडीगढ़, जेएनएन। गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ग्यारह साल पहले जिस स्थान पर मरीजों के बेहतर माहौल देने के लिए फव्वारा बनाया गया था, उस स्थान पर अब योगा क्लॉसेज शुरू करने की तैयारी चल रही है। इसके लिए 25 लाख रुपये खर्च कर बनाए गए फव्वारे को जमींदोज कर दिया गया है। फव्वारे के स्थान पर समतल जमीन दिख रही है। वहां टाइल्स लगाने का काम चल रहा है। अस्पताल के ही कर्मचारियों का कहना है कि एक बार फिर मरीजों के नाम पर बिना प्लानिंग के पैसे खर्च किए जा रहे हैं। 25 लाख रुपये के फव्वारे का लाभ तो मरीजों को नहीं मिला अब योगा क्लासेज के नाम पर नया सपना दिखाया जा रहा है।

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फव्वारे के साथ की थी बेहतर कल की कवायद

जीएमसीएच में 2008-9 के तात्कालिक डायरेक्टर प्रिंसिपल ने मरीजों को हॉस्पिटल के अंदर प्राकृतिक माहौल देने के उद्देश्य से फव्वारा की योजना बनाई थी। कर्मचारियों के अनुसार योजना को प्रशासन ने हरी झंडी दी और 25 लाख रुपये खर्च कर आकर्षक फव्वारा बनाया गया। लेकिन अफसोस की बात यह है कि उस डायरेक्टर ¨प्रसिपल के रिटायर होने वाले दिन ही 2014 में उस फव्वारे को बंद कर दिया गया। उसके बाद वह कभी नहीं चला। परिजनों का छिन गया असरा इस फव्वारे के बंद होने के बाद अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजन उसे रैन बसेरा के तौर पर प्रयोग कर रहे थे। वहां उन्हें बैठने और लेटने का आसरा मिला हुआ था। लेकिन अस्पताल की नई कार्ययोजना के कारण फव्वारे के टूटने के बाद उनका वह ठौर भी उनसे छिन गया है। अब वे यहां-वहां जगह तलाशते नजर आ रहे हैं।

खुली हवा की बजाय बंद स्थान पर होगा योग

जीएमसीएच प्रशासन की कार्ययोजना पर सवाल उठने लगा है। डॉक्टरों और कर्मचारियों का कहना है कि मरीजों के नाम पर पैसे की बर्बादी की जा रही है। पहले अस्पताल के अंदर बंद स्थान पर फव्वारा बनाने में लाखों रुपये पैसे की तर बहाये और अब योगा क्लासेज के नाम पर काम चल रहा है। डॉक्टर की कहते हैं कि खुली हवा में योग करने से शुद्ध ऑक्सीजन बॉडी में जाती है, लेकिन यहां तो अस्पताल के अंदर दूषित वातावरण में योग कराने की तैयारी की जा रही है।

फव्वारे को तोड़कर उस स्थान पर मरीजों के लिए योगा क्लासेज चलाने की व्यवस्था की जा रही है। योग से गंभीर बीमारियों के इलाज में काफी अच्छा परिणाम सामने आ रहा है। इसका लाभ यहां के मरीजों को भी जल्द ही मिलने लगेगा।

अनिल मोदगिल, प्रशासनिक प्रवक्ता, जीएमसीएच।

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