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भाजपा की पूरी टीम बदली जाएगी, 40 से 50 साल की उम्र का होगा नया प्रदेशाध्यक्ष Chandigarh News

भाजपा में सांसद किरण खेर अध्यक्ष संजय टंडन और पूर्व सांसद सत्यपाल जैन का गुट है। सभी गुट इस बार अपने किसी करीबी को प्रदेशाध्यक्ष बनवाना चाहते हैं।

By Edited By: Published: Mon, 02 Sep 2019 11:31 PM (IST)Updated: Tue, 03 Sep 2019 10:25 AM (IST)
भाजपा की पूरी टीम बदली जाएगी, 40 से 50 साल की उम्र का होगा नया प्रदेशाध्यक्ष Chandigarh News
भाजपा की पूरी टीम बदली जाएगी, 40 से 50 साल की उम्र का होगा नया प्रदेशाध्यक्ष Chandigarh News

चंडीगढ़, जेएनएन। भाजपा के संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बार जो बूथ समितियों, मंडल और जिला अध्यक्षों का चुनाव होगा, उसमें 80 प्रतिशत से ज्यादा नई टीम का ही गठन होगा क्योंकि नियम के अनुसार कोई भी अध्यक्ष दो कार्यकाल से ज्यादा बारी तक अपने पद पर विराजमान नहीं सकता। जो भाजपा की इस समय की टीम है, उन्हें अपने पद पर रहते हुए छह साल से ज्यादा का समय हो गया है। नवंबर माह में भाजपा को नया प्रदेश अध्यक्ष भी मिल जाएगा। जबकि प्रदेश के अलावा मंडल और जिला अध्यक्ष बनने के लिए भी नेताओं ने जोर आजमाइश शुरू कर दी है।

भाजपा पहले से ही सीनियर नेताओं की गुटबाजी में बंटी हुई है। ऐसे में हर गुट इस बार प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा करना चाहता है लेकिन हाईकमान ने स्पष्ट कर दिया है कि नए प्रदेश अध्यक्ष की आयु 40 से 50 साल के बीच होगी। भाजपा में सांसद किरण खेर, अध्यक्ष संजय टंडन और पूर्व सांसद सत्यपाल जैन का गुट है। सभी गुट इस बार अपने किसी करीबी को प्रदेशाध्यक्ष बनवाना चाहते हैं। मालूम हो कि संजय टंडन पिछले दस साल से अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान हैं।

पांच सितंबर को होगी वर्कशॉप
प्रदेश चुनाव अधिकारी प्रेम कौशिक का कहना है कि पांच सितंबर को एक वर्कशॉप का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें चुनाव से जुड़े नियम एवं शर्तो को बताया जाएगा। बैठक में राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी एवं पूर्व कृषि मंत्री राघव मोहन सिंह विशेष तौर पर भाग लेने के लिए आ रहे हैं।

दो कार्यकाल जिम्मेदारी निभाने वालों को आगे मौका नहीं
कौशिक ने बताया कि कुल 34 मंडल और पांच जिलाध्यक्षों को चुना जाना है। हर मंडल में अलग से एक-एक डेलीगेट भी चुना जाएगा। ये 34 डेलीगेट्स और पार्षद मिलकर नए प्रदेश अध्यक्ष को चुनेंगे। नवंबर में नए प्रदेश अध्यक्ष को चुन लिया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए हाईकमान से कोई नेता भी आ सकता है। बूथ समितियां, मंडल और जिला अध्यक्षों के चुनाव के लिए दावेदार नामांकन भी भर सकते हैं। जिन नेताओं को अध्यक्ष रहते हुए दो कार्यकाल या इससे ज्यादा हो गया है, वे फिर से चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष आगे अपनी कार्यकारिणी का गठन करता है।

रवि शर्मा और शक्तिदेव शाली नहीं बनेंगे जिला अध्यक्ष
पार्षद रवि शर्मा और शक्तिदेव शाली को जिला अध्यक्ष बने हुए छह साल से ज्यादा का समय हो गया है। ऐसे में यह दोनों नेता फिर से अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं लड़ सकते हैं हालांकि टंडन गुट की ओर से शक्तिदेव शाली का नाम नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए आगे बढ़ाया जा रहा है।

 

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