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पांच साल बाद पहली बार शिकायतकर्ता की हुई गवाही

40 लाख रुपये रिश्वत मामले में आरोपित तत्कालिक डीएसपी आरसी मीणा के खिलाफ पांच साल बाद हुई गवाही।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Nov 2019 10:29 PM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 06:09 AM (IST)
पांच साल बाद पहली बार शिकायतकर्ता की हुई गवाही

राजन सैनी, चंडीगढ़ : 40 लाख रुपये रिश्वत मामले में आरोपित तत्कालिक डीएसपी आरसी मीणा, बिजनेसमैन संजय दहुआ, अमन ग्रोवर और एसआइ सुरिद्र सिंह के खिलाफ वीरवार को जिला अदालत में सुनवाई हुई। मामले में करीब पांच साल बीत जाने के बाद अब शिकायतकर्ता गुरनीत कौर की गवाही हुई। हालांकि तबीतय सही नहीं होने के चलते गुरनीत की आधी गवाही ही हो पाई। अब अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 20 तारीख के लिए रखी है, जब गुरनीत अपनी गवाही देगी। वहीं मामले में सीबीआइ की स्पेशल अदालत के जज डॉ. सुशील कुमार गर्ग ने बर्कले ऑटोमोबाइल्स के मालिक संजय दहूजा की याचिका को मंजूर कर दिया है। संजय ने 10 दिसंबर से 16 दिसंबर तक विदेश में किसी काम से जाने के लिए अदालत से अनुमति मांगी थी। क्यों हुई गवाही में देरी

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शिकायतकर्ता की गवाही देरी से होने की एक वजह यह है कि केस में आरोपितों पर आरोप तय होने में ही साढ़े चार साल लग गए। केस काफी लंबे समय से चल रहा था, इस वजह से हाई कोर्ट ने भी सीबीआइ अदालत को इस केस की हर दिन सुनवाई के आदेश दिए थे, लेकिन चार साल में आरोपितों द्वारा किसी-न-किसी तरह की याचिका दायर कर केस की प्रोसिडग में देरी करवाई गई। चार साल में आरोपितों द्वारा करीब 40 याचिकाएं दायर की गई, जिसके चलते आरोपितों पर आरोप तय होने में देरी हुई और केस का ट्रायल देरी से शुरू हुआ। यह है मामला

13 अगस्त 2015 को दिल्ली से आए ईओडब्ल्यू के डीएसपी आरसी मीणा, सब इंस्पेक्टर सुरिदर सिंह और रिश्वतखोरी में बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले बर्कले हुंडई के मालिक संजय दहूजा और केएलजी होटल के संचालक अमन ग्रोवर को 40 लाख रुपये रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया था। आरोप के मुताबिक पुलिस सेक्टर-17 के चावला पेट्रोल पंप के संचालक और उसके परजिनों को गिरफ्तार न करने के एवज में यह रिश्वत ले रही थी। सीबीआइ ने सात दिन तक जांच करने और मोबाइल फोन सर्विलांस से सबूत जुटाते हुए ट्रैप लगाया था। चावला पेट्रोल पंप के मालिक गुरकृपाल सिंह चावला, उनकी पत्नी जगजीत कौर और बेटे हरमीत के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने 24 दिसंबर 2014 को सेक्टर-9 की दीपा दुग्गल की शिकायत पर 6.25 करोड़ रुपये की ठगी का केस दर्ज किया था। इसके बाद गुरकृपाल की बेटी गुरनीत कौर ने सीबीआइ को शिकायत दी थी उनके परिवार के सदस्यों को गिरफ्तार नहीं करने की एवज में उक्त आरोपित 40 लाख रुपये की रिश्वत मांग रहे है। सीबीआइ ने ट्रैप लगाकर चारों को गिरफ्तार किया था। वहीं बता दें कि मामले में आरोपित एसआइ सुरिद्र सिंह की इसी साल करंट लगने की वजह से मौत हो गई थी।


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