काम पर वापस आने के लिए कंपनी मांग रही मेडिकल सर्टिफिकेट
जो लोग कोविड-19 टेस्ट का सरकारी सर्टिफिकेट लेकर फैक्ट्री पहुंच रहे हैं उन्हें भी वापस काम पर नहीं लिया जा रहा।
डेराबस्सी, जेएनएन। क्षेत्र की नेक्टर लाइफ साइंसेज के सैंकड़ों वर्कर्स क्वारंटाइन का समय पूरा कर सर्टिफिकेट लेने के लिए अस्पतालों और फैक्टरी प्रबंधन के बीच पिस रहे हैं। उन्हें बीते दो महीने की न सैलरी दी गई है और न ही काम पर वापस लिया जा रहा है। जो लोग कोविड-19 टेस्ट का सरकारी सर्टिफिकेट लेकर फैक्ट्री पहुंच रहे हैं, उन्हें भी वापस काम पर नहीं लिया जा रहा। बेहद परेशान इन वर्कर्स पर नौकरी के संकट की तलवार लटक गई है।
करीब दो सौ से अधिक हरियाणा व हिमाचल के इन वर्कर्स का कहना है कि लॉकडाउन की शुरुआत में उन्हें ड्यूटी पर न आने के लिए कहा गया। मई के पहले हफ्ते कंपनी ने कुल 205 वर्कर्स से संपर्क साधा, परंतु उन्हें काम पर नहीं रखा। उन्हें मौखिक रूप से सेल्फ क्वारंटाइन होने को कहा गया था। वे अपने या किराए के ठिकानों में सेल्फ क्वारंटाइन रहे और जब 21 दिन का पीरियड पूरा हुआ तो डेराबस्सी अस्पताल का मेडिकल सर्टिफिकेट मांगा जा रहा है।
कंपनी के एचआर हेड मनीष कुमार ने बताया कि वर्कर्स कंपनी प्रबंधकों समेत प्रशासन को गुमराह कर रहे हैं, जबकि प्रबंधक सरकारी गाइडलाइंस व नियमानुसार ही वर्कर्स से पेश आ रहे हैं। क्वारंटाइन पीरियड पूरा कर उसका सर्टिफिकेट लेना भी अनिवार्य शर्तों में शामिल है। मैनेजमेंट की हायर अथॉरिटी से बातचीत चल रही है, जल्द ही समाधान निकाल लिया जाएगा। उधर, यूनियन के प्रधान अजीत राणा के अनुसार वर्कर्स और मैनेजमेंट के बीच मसला सुलझाने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।