सरकारी रेट तय फिर भी वेंडर वसूल रहे मनमाने दाम, कार्रवाई कौन करे
शहरवासियों के दबाव में प्रशासन की मार्केट कमेटी ने हर दिन सब्जी और फलों के रिटेल रेट तय करने शुरू कर दिए हैं लेकिन इसका लोगों को फायदा नहीं मिल रहा है।
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़
शहरवासियों के दबाव में प्रशासन की मार्केट कमेटी ने हर दिन सब्जी और फलों के रिटेल रेट तय करने शुरू कर दिए हैं, लेकिन इसका लोगों को फायदा नहीं मिल रहा है। अब भी वेंडर्स तय रेट लिस्ट जारी होने के बावजूद मनमर्जी कर रहे हैं। असल में ओवरचार्जिग करने वाले वेंडर्स पर कार्रवाई का प्रशासन ने कोई प्रविधान नहीं रखा है। पूरी तरह से व्यवस्था वेंडर्स पर ही छोड़ी गई है। ऐसे में शहर की रेजिडेंट्स वेलफयर एसोसिएशनों का कहना है कि जब तक ओवरचार्जिग करने वाले वेंडर्स पर कार्रवाई का प्रविधान नहीं किया जाएगा तब तक इसी तरह से लूट खसूट का कारोबार जारी रहेगा।
मेयर रविकांत शर्मा के कहने पर प्रशासन ने हर दिन सब्जियों और फलों के सरकारी रिटेल रेट तय करने का सिस्टम शुरू किया है। इस सिस्टम को शुरू हुए तीन दिन हो चुके हैं। बुधवार को जो रेट लिस्ट मार्केट कमेटी की ओर से जारी की गई, उससे हर सब्जी का रेट पांच से 10 रुपये अधिक में वेंडर्स बेचते मिले। हकीकत यह है कि मार्केट कमेटी की ओर से जारी सूची सिर्फ अधिकारियों के व्हाट्सअप में ही घूमती रहती है। यह सूची लोगों तक नहीं पहुंच पाती है। इस तरह से रेट तय करने का क्या फायदा, जो सूची तैयार की जाती है उसे ऑनलाइन अपलोड करना चाहिए। ताकि शहरवासियों को पता चल सके कि कौन सी सब्जी और फल के क्या रेट तय हैं। वेंडर्स को जब सरकारी रेट पर सब्जी बेचने के लिए कहा जाता है तो वह नहीं मानते हैं। ऐसे में मनमर्जी के रेट वसूल करने वाले वेंडर्स पर कार्रवाई होनी चाहिए तभी शहरवासियों को इस कोरोना काल में फायदा मिलेगा।
- सुरेंद्र शर्मा, वाइस चेयरमैन, क्राफ्ड मार्केट कमेटी हर दिन सब्जी और फल के रिटेल रेट तय कर रही है। इसके बावजूद कई वेंडर्स इससे ज्यादा रेट पर सब्जी और फल बेच रहे हैं। वह इस बारे में कमिश्नर केके यादव से बात करेंगे कि इस तरह की व्यवस्था लागू की जाए जो हर वेंडर्स कमेटी की ओर से तय किए गए रेट की सूची अपनी फड़ी पर भी डिस्पले करे। ऐसा न करने वालों पर कार्रवाई हो। अतिक्रमण हटाओ दस्ते के सब इंस्पेक्टर फिल्ड में होते हैं उन्हें यह जिम्मेवारी दी जा सकती है।
रविकांत शर्मा, मेयर नगर निगम नारियल के रेट में आई कमी
सरकारी रेट तय करने से पहले नारियल बाजार में 120 रुपये प्रति पीस बिक रहा था जो कि अब 80 रुपये हो गया है। हालांकि यह अब भी ज्यादा है। इसका कारण यह है कि नारियल पानी की सप्लाई कम आ रही है। पिछले माह तक हर दिन दस ट्रक नारियल पानी के आ रहे थे जबकि अब सिर्फ दो ही आ रहे हैं। ऐसे तय होते हैं रिटेल के रेट
प्रतिदिन होलसेल के रेट को देखते हुए उससे ऊपर 20 से 30 फीसद का मार्जन रखकर रिटेल के दाम तय करने की जिम्मेवारी मार्केट कमेटी के सचिव के पास है और वह ही प्रतिदिन बाजार को देखते हुए रेट की सूची तैयार करते हैं। इस समय शहर में 600 से ज्यादा वेंडर्स सब्जी और फल बेचने का काम कर रहे हैं, जबकि सेक्टर-26 मंडी अब आम लोगों के लिए बंद कर दी गई है। बुधवार को कमेटी ने यह रेट किए तय, लेकिन वेंडर्स ने इस रेट पर किया कारोबार सब्जियां सरकारी रेट (प्रति किलो) बाजार का रेट
प्याज (नासिक) 25 30
प्याज (लोकल) 15 15
टमाटर 22 25
फूल गोभी 20 30
अदरक 60 80
मिर्च 30 60
मटर 70 80
खीरा 10 10
आलू 10 12
अरबी 40 60
भिडी 30 50
नींबू 80 20
बिना बीज वाला खीरा 30 40
कद्दू 15 20
लोकी 15 20 फल
अनार 130 200
नारियल पानी 80 90
खरबूजा 20 25
तरबूज 20 20
मौसमी 120 140
आम 80 60 से 90