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जीरकपुर की मोना ग्रीन सोसायटी में आवारा कुत्तों का आतंक, लोगों का घर से बाहर निकलना हुआ मुश्किल

सोसायटियों में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। आए दिन कोई न कोई व्यक्ति आवारा कुत्तों का शिकार हो रहा है। नगर कौंसिल के पास डॉग नसबंदी अस्पताल बनाने के लिए जगह व फंड भी है। लेकिन फिर भी डॉग अस्पताल नहीं बनाया जा रहा।

By Rohit KumarEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 09:14 AM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 09:14 AM (IST)
जीरकपुर की मोना ग्रीन सोसायटी में आवारा कुत्तों का आतंक, लोगों का घर से बाहर निकलना हुआ मुश्किल
एक हफ्ते में करीब एक दर्जन डॉग बाइट के मामले मोना ग्रीन सोसायटी में सामने आ चुके हैं।

जीरकपुर, जेएनएन। जीरकपुर के वीआइपी रोड की सोसायटियों में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। आए दिन कोई न कोई व्यक्ति आवारा कुत्तों का शिकार हो रहा है। लेकिन नगर कौंसिल जीरकपुर इन मामलों को गंभीरता से नहीं ले रही है। नगर कौंसिल के पास डॉग नसबंदी अस्पताल बनाने के लिए जगह व फंड भी है। इसका टेंडर भी लग चुका है लेकिन फिर भी डॉग अस्पताल नहीं बनाया जा रहा। डॉग बाइट का ताजा मामला वीआइपी रोड की मोना ग्रीन सोसायटी से सामने आया है। यहां गाड़ी धोने का काम करने वाले मनोज कुमार को मंगलवार को गाड़ी धोते समय एक कुत्ते ने काट लिया।

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इससे पहले एक हफ्ते में करीब एक दर्जन डॉग बाइट के मामले मोना ग्रीन सोसायटी में सामने आ चुके हैं। इससे मोना ग्रीन सोसायटी के लोग सहम हुए हैं। मोना ग्रीन सोसायटी निवासी करिश्मा, मनोज, रमेश दत्त, कैप्टन चावला, दलजीत कौर, मनमोहन जीत कौर, सुरभी, शैलेजा एकम ने बताया कि इन आवारा कुत्तों का सोसायटी निवासियों में इस कदर खौफ और सहम है कि लोग घरों में बंद रहने के लिए मजबूर हैं।

इसके अलावा सोसायटी के बुजुर्गों व बच्चों ने सैर करनी भी बंद कर दी है। अगर जाना भी हो तो डंडा साथ लेकर चलना पड़ता है। उन्होंने बताया कि एक फीमेल डॉग ने बच्चे दिए हैं जो अपने बच्चों की रक्षा के लिए किसी भी व्यक्ति को काट लेती है। इसके चलते मोना ग्रीन सोसायटी के लोग बेहद परेशान हैं। सोसायटी के लोगों ने नगर काउंसिल के अधिकारियों से गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द इस समस्या से छुटकारा दिलाया जाए ताकि वह आराम से अपनी सोसायटी में घूम सकें।

डॉग नसबंदी अस्पताल का बजट है पास

जीरकपुर नगर कौंसिल द्वारा कुत्तों की समस्या को कंट्रोल करने के लिए एक प्रस्ताव पास कर 50 लाख का बजट और थाने की बैक साइड जगह भी तय की गई थी। लेकिन अब तक उस पर कोई काम नहीं किया गया। इस सबंध में लोगों का कहना है कि अकाली सरकार के समय यह बजट पास किया गया था, लेकिन मौजूदा सरकार ने इस पर कोई काम नहीं किया। कुत्तों के आतंक से परेशान लोगों ने कहा कि जल्द से जल्द इस अस्पताल को बनाकर उनकी समस्या का हल किया जाए।

क्या कहते हैं अधिकारी

हम इस समस्या के बारे में जानकारी मिली है। यह भी पता चला है कि एक फीमेल डॉग ने बच्चे दिए हैं जिसके चलते वह अग्रेसिव होकर लोगों को काट रही है। जल्द ही उसको पकड़कर सोसायटी से दूर छोड़ा जाएगा। डॉग अस्पताल के बारे में विचार करने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

संदीप तिवाड़ी, ईओ नगर कौंसिल


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