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10 साल पहले जहां लगते थे कचरे के ढेर, वहां लोगों ने मेहनत कर बनाया पार्क और बना नंबर-1

नेबरहुड पार्क को प्रथम स्थान हासिल हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 09:12 PM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 09:12 PM (IST)
10 साल पहले जहां लगते थे कचरे के ढेर, वहां लोगों ने मेहनत कर बनाया पार्क और बना नंबर-1

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सेक्टर-40 सी के एमआइजी-2 के मकान नंबर-2517 के सामने बने नेबरहुड पार्क को प्रथम स्थान हासिल हुआ है। इस पार्क का रखरखाव यहां की वेलफेयर एसोसिएशन और स्थानीय निवासियों की ओर से किया जाता है। नगर निगम की ओर से मंगलवार को नेबरहुड पार्को की प्रतियोगिता के परिणाम की घोषणा की गई है। जबकि इस कैटगरी में दूसरे स्थान पर सेक्टर-41ए के मकान नंबर-644 के सामने बना पार्क रहा है। जबकि नेबरहुड पार्को की इस कैटेगरी में तीसरे नंबर पर दो पार्क रहे हैं, जिनमे एक सेक्टर-51ए की रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से किए जा रहा पार्क और सेक्टर-38 वेस्ट के मकान नंबर-266 के पास बना नेबरहुड पार्क रखा है। यह पार्क यहां की एचआईजी रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से किया जा रहा है। सेक्टर-51ए के जिस पार्क को तीसरा स्थान मिला है, यह पार्क पिछले तीन बार से पहले नंबर पर रहा है। इस गार्डन को खुद पंजाब के गवर्नर एवं प्रशासक पिछले साल देख चुके हैं। उक्त सभी पार्को का रखरखाव कर रही रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशनों को रोज फेस्टिवल के समापन समारोह में अवॉर्ड देकर सम्मानित किया जाएगा। अब यह पार्क शहर की अन्य एसोसिएशनों के लिए रोल मॉडल बन गए हैं। सभी पार्को को बनाने और रखरखाव में सीनियर सिटीजन ने अहम भूमिका निभाई है। रंधावा ने जाहिर की खुशी

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सेक्टर-40सी का जो पार्क नंबर-1 रहा है, उसकी एसोसिएशन के अध्यक्ष भूपेंद्र ¨सह रंधावा ने खुशी जाहिर की है। परिणाम की घोषणा के साथ ही यहां के रेजिडेंट्स ने मिठाइयां बांटकर खुशी जाहिर की। वार्ड पार्षद गुरबख्श रावत ने भी मौके पर पहुंचकर लोगों को बधाई दी। यह गार्डन पिछले दो फेस्टिवल के दौरान लगातार दूसरे स्थान पर रहा है। इस गार्डन में फव्वारे भी लगे हैं। पांच सदस्यों की टीम ने किया निरीक्षण

आवेदन करने वाली एसोसिएशन के सभी पार्को का निरीक्षण करने के लिए नगर निगम की ओर से 5 सदस्यों जजों की टीम बनाई गई थी, इस टीम में बागवानी से जुड़े विशेषज्ञ शामिल थे, जिसमें अरुण कांसल, सरदार हरदेव ¨सह, मो¨हदर ¨सह, जरनैल ¨सह और देवेंद्र ¨सह का नाम शामिल है। मालूम हो कि शहर में 1600 छोटे बड़े पार्क हैं। जिसमें से करीब 700 पार्कों का रखरखाव शहर के रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन रखरखाव कर रही हैं। सोसायटी की कैटेगरी में फिर से पहली बाजी सेक्टर-51 की न्यू लाइट ने मारी

सेक्टरों के अलावा निजी सोसायटियों के भीतर बने पार्को की भी प्रतियोगिता हुई है। सोसायटी के भीतर बने पार्क का रखरखाव यहां के निवासी अपनी जेब से ही करते हैं। इस कैटेगरी में पहला स्थान फिर से सेक्टर-51ए की न्यू लाइट सोसायटी ने हासिल किया है। जबकि सेक्टर-49डी की एसबीआइ सोसायटी पिछले फेस्टिवल की तरह फिर से दूसरे नंबर पर रही। इस कैटेगरी में तीसरे स्थान पर सेक्टर-51डी के अंजता कोऑपरेटिव सोसायटी का पार्क रहा है। उक्त सभी सोसायटियों के पार्क पिछले दो फेस्टिवल से इसी तरह से पहले, दूसरे और तीसरे नंबर पर ही आ रहे हैं। सेक्टर-40 सी का प्रथम स्थान पर रहे पार्क की यह है कहानी

पहले स्थान पर सेक्टर-40सी की एमआइजी-2 मे मकान नंबर-2518 के पास बने पार्क को चुना गया है। इस पार्क का रखरखाव करने वाली एमआइजी-2 की एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि इस जगह पर 10 साल पहले डस्टबिन रखे हुए थे, जहां पर पूरे सेक्टर का कचरा डाला जाता था। शुरुआत में पार्क की सिंचाई के लिए पानी लोगों ने अपने घर से बाल्टी भरकर किया। उन्होंने बताया कि पूरे शहर में उनका पहला नेबरहुड पार्क है, जहां पर फव्वारा भी लगा है। यहां पर पास बने पब्लिक स्कूल के बच्चे भी खेलते हैं। न्यू लाइट सोसायटी के पार्क ने चौथे साल भी मारी बाजी

दूसरी कैटेगरी में पहला स्थान सेक्टर-51ए की न्यू लाइट सोसायटी ने हासिल किया है। इस सोसायटी के पदाधिकारियों कहना है कि साल 2005 से पार्क बना हुआ है। सारा खर्चा सोसायटी में रहने वाले लोग ही वहन कर रहे हैं। पार्क में फव्वारा लगा है, हरा घास इतना सुंदर है, यहां पर लोग घंटों बैठे प्रकृति का मजा लेते हैं।


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