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लॉकडाउन से परेशान दस प्रवासी बिना टिकट ट्रेन में चढ़े, गिरफ्तार

चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से वीरवार को दो श्रमिक स्पेशल ट्रेनें रवाना की गई। एक ट्रेन दोपहर दो बजे बिहार के छपरा हाजीपुर मुजफ्फरपुर से होते हुए दरभंगा गई और दूसरी ट्रेन शाम पांच बजे उत्तर प्रदेश के नजिफाबाद गोंडा से होते हुए गोरखपुर गई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 08:30 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 07:41 AM (IST)
लॉकडाउन से परेशान दस प्रवासी बिना टिकट ट्रेन में चढ़े, गिरफ्तार
लॉकडाउन से परेशान दस प्रवासी बिना टिकट ट्रेन में चढ़े, गिरफ्तार

वैभव शर्मा, चंडीगढ़

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चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से वीरवार को दो श्रमिक स्पेशल ट्रेनें रवाना की गई। एक ट्रेन दोपहर दो बजे बिहार के छपरा, हाजीपुर, मुजफ्फरपुर से होते हुए दरभंगा गई और दूसरी ट्रेन शाम पांच बजे उत्तर प्रदेश के नजिफाबाद, गोंडा से होते हुए गोरखपुर गई। बिहार के 1600 और उत्तर प्रदेश के लिए 1502 प्रवासी लोगों को भेजा गया। वहीं लॉकडाउन से परेशान दस प्रवासी बिना टिकट के ट्रेन में चढ़ते हुए पकड़े गए। यह सभी प्रवासी प्लेटफार्म के पीछे से ट्रेन में चढ़ रहे थे, जिसे आरपीएसफ एएसआइ संजीव नेहरा ने पकड़ा। बाद में सभी लोगों से पूछताछ कर छोड़ दिया। वहीं, प्रवासी लोगों के लिए रेलवे स्टेशन पर आरपीएसएफ जवान मददगार बन रहे हैं। प्रवासी लोगों की टिकट चेक करने से लेकर उन्हें उनकी सीट पर बैठा रहे हैं। उसके अलावा ट्रेन में सफर में कर रहे बुजुर्ग, बच्चों और महिलाओं को पानी की बोतल भी बांट रहे हैं। फ्री रजिस्ट्रेशन के चक्कर में कई लोग छुट्टियां मनाने जा रहे हैं घर

श्रमिक स्पेशल ट्रेन में जा रहे प्रवासी लोगों में कई लोग ऐसे भी थे जो लेबर नहीं थे। जब इनसे पूछा गया कि वह यहां क्या काम करते हैं तो वह कोई जवाब नहीं दे पाए। वहीं छपरा जा रहे राकेश ने कहा कि बच्चों के स्कूल बंद हैं, वर्क फ्रॉम होम है इसलिए वह कुछ दिनों के लिए गांव जा रहे हैं। इनमें से दो नहीं बल्कि बड़ी संख्या में प्रवासी लोगों की आड़ में फ्री रजिस्ट्रेशन के चक्कर में लोग छुट्टियां मनाने जा रहे हैं। टिकट चेकिग स्टाफ ने जमकर तोड़े फिजिकल डिस्टेंसिग नियम चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से बिहार के दरभंगा के लिए ही श्रमिक स्पेशल ट्रेन स्टेशन निकली, उसी वक्त टिकट चेकिग स्टाफ खुशी मनाते ग्रुप में फोटो खिचवाने के लिए फिजिकल डिस्टेंसिग भूल गया। सभी लोग एक-दूसरे से बिल्कुल सटकर खड़े थे। शहर का मोह हुआ भंग

काम नहीं है इसलिए घर वापस जा रहा हूं। मलोया की फर्नीचर मार्केट में काम करता था। मालिक ने कह दिया है कि काम नहीं है, यहां मत आना। ऐसे में यहां रहने का काई मतलब नहीं बनता। वापस चंडीगढ़ आने का सवाल ही पैदा नहीं होता।

-नरेश सिलाई का काम करता था। लॉकडाउन-4 के बाद लगा कि मालिक काम पर बुलाएगा लेकिन मालिक ने कहा कि तुम काम पर मत आना। अब काम अपने शहर में देख कर वहीं करूंगा, चंडीगढ़ नहीं लौटुंगा।

-मोहम्मद आदिल


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