टैक्स डिफाल्टर RD Trading Company के खिलाफ दर्ज होगी एफआइआर
डीसी मनदीप सिंह ने 6 बोगस स्क्रैप डीलर पर एफआइआर दर्ज करने के आदेश दिए थे लेकिन एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट ने आरडी ट्रेडिंग कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी।
चंडीगढ़ [विशाल पाठक]। 2.32 करोड़ रुपये के टैक्स डिफाल्टर बोगस स्क्रैप डीलर आरडी ट्रेडिंग कंपनी पर एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट ने चंडीगढ़ पुलिस को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। पहले विभाग ने ही मामले में कार्रवाई करने के बजाय यह रिपोर्ट दबा दी थी। हालांकि इसका खुलासा होने पर विभाग की किरकिरी के बाद अब एक्साइज डिपार्टमेंट की ओर से चंडीगढ़ पुलिस के इकोनोमिक अफेंस विंग (ईओडब्ल्यू) को अपनी रिपोर्ट भेजकर आरडी ट्रेडिंग पर एफआइआर दर्ज करने के लिए कहा गया है।
दरअसल, डीसी मनदीप सिंह बराड़ ने 6 बोगस स्क्रैप डीलर पर एफआइआर दर्ज करने के आदेश दिए थे, लेकिन एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट ने आरडी ट्रेडिंग कंपनी के खिलाफ अपनी रिपोर्ट दबाकर कंपनी पर कोई कार्रवाई नहीं की थी। इस मुद्दे को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से उठाया। तब डीसी ने मामले का दोबारा संज्ञान लिया। उन्होंने ताजा आदेशों जारी कर एक्साइज डिपार्टमेंट से आरडी ट्रेडिंग कंपनी की रिपोर्ट तलब की। इस पर एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट ने वीरवार को ईओडब्ल्यू चंडीगढ़ पुलिस को आरडी ट्रेडिंग कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी के तहत केस दर्ज करने के लिए अपनी रिपोर्ट भेजी।
2.32 करोड़ की डिफाल्टर है आरडी ट्रेडिंग कंपनी
डीसी ने जिन 6 बोगस स्क्रैप डीलरों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के आदेश दिए थे, उस रिपोर्ट के मुताबिक बुड़ैल स्थित बोगस स्क्रैप डीलर आरडी ट्रेडिंग कंपनी को 2.32 करोड़ रुपये का डिफाल्टर बताया गया था। जबकि उस रिपोर्ट में डिपार्टमेंट ने अपनी असेस्मेंट रिपोर्ट के मुताबिक यह बताया था कि आरडी ट्रेडिंग कंपनी की सलाना टर्नओवर 8.80 करोड़ रुपये है। हालांकि कंपनी ने एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट में 1.19 करोड़ रुपये जमा करा दिए हैं।
कंपनी ने इनपुट टैक्स क्रेडिट के जरिये लगाया करोड़ों का चूना
एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट ने ऐसे बोगस डीलर्स की सूची जारी की थी, जो बिना कुछ खरीदे-बेचे सिर्फ इनपुट टैक्स क्रेडिट के जरिये करोड़ों रुपये का चूना सरकार को लगा रहे थे। इस लिस्ट में आरडी ट्रेडिंग कंपनी के अलावा पांच अन्य कंपनियों के भी नाम थे। डिपार्टमेंट को जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट में हेराफेरी का शक हुआ तो इनकी ट्रांजेक्शन चेक की गई। पता चला कि लोकल लेवल पर इन्होंने कोई ट्रांजेक्शन ही नहीं की। बिना कोई सामान सेल या परचेज किए यह दूसरे राज्यों से बिल बनवाकर लाते थे। इन बिलों को यह आगे दूसरे डीलर्स को देकर उस पर जितना इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलता, उससे मोटी रकम बना रहे थे। पहले भी इस तरह का मामला सामने आ चुका है।
इन पांच बोगस स्क्रैप डीलरों पर पुलिस दर्ज हो चुकी है एफआइआर
-एके ट्रेडिंग कंपनी, खुड्डा जस्सू से रजिस्टर्ड, 21.67 करोड़ रुपये का टर्नओवर और पेनाल्टी-9.10 करोड़ रुपये।
-विनिता एंटरप्राइजेज, धनास से रजिस्टर्ड, 25.04 करोड़ रुपये का टर्नओवर और पेनाल्टी- 5.10 करोड़ रुपये।
-एचएस ग्रुप सेक्टर-9 से रजिस्टर्ड, 16.03 करोड़ रुपये। पेनाल्टी -6.19 करोड़ रुपये की।
-आरजे एंटरप्राइजेज, मक्खनमाजरा से रजिस्टर्ड, 4.78 करोड़ रुपये का टर्नओवर। पेनाल्टी- 96.27 लाख रुपये।
-महादेव मेट्लस, दड़वा से रजिस्टर्ड, 20.46 करोड़ रुपये का टर्नओवर। पेनाल्टी-4.02 करोड़ रुपये।