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स्पेशल ओलंपिक एशिया पेसफिक यूनाइटेड बैडमिटन चैंपियनशिप में तनवीर और कल्पना ने जीते मेडल

बैंकॉक में आयोजित होने वाली स्पेशल ओलंपिक एशिया पेसफिक यूनाइटेड बैडमिटन चैंपियनशिप में ग्रिड सेक्टर-31 के दो स्पेशल खिलाड़ी तनवीर सिंह और कल्पना ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 08:32 PM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 08:32 PM (IST)
स्पेशल ओलंपिक एशिया पेसफिक यूनाइटेड बैडमिटन चैंपियनशिप में तनवीर और कल्पना ने जीते मेडल
स्पेशल ओलंपिक एशिया पेसफिक यूनाइटेड बैडमिटन चैंपियनशिप में तनवीर और कल्पना ने जीते मेडल

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : बैंकॉक में आयोजित होने वाली स्पेशल ओलंपिक एशिया पेसफिक यूनाइटेड बैडमिटन चैंपियनशिप में ग्रिड सेक्टर-31 के दो स्पेशल खिलाड़ी तनवीर सिंह और कल्पना ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया है। यह प्रतियोगिता 12 से 16 नवंबर तक खेली गई। इस प्रतियोगिता की खासियत यह थी कि फेडरेशन की ओर से इस मुकाबले में स्पेशल चाइल्ड व नार्मल खिलाड़ी का पेयर्स था। प्रतियोगिता में नार्मल खिलाड़ी के तौर बैडमिटन खिलाड़ी संयम ग्रोवर और अर्पिता मलिक का भी चयन भी डब्ल्स मुकाबले के लिए हुआ था। अंतराष्ट्रीय स्तर की इस प्रतियोगिता की 16-22 वर्ष आयुवर्ग में तनवीर सिंह और संयम ग्रोवर ने गोल्ड मेडल जीता। वहीं कल्पना और अर्पिता ने डी -1 कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीता। डायरेक्टर प्रिंसिपल ऑफ गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल व डायरेक्टर ग्रिड डॉ. बीएस चवन ने बताया कि तनवीर सिंह और कल्पना के शानदार प्रदर्शन से वह बेहद खुश हैं। इन खिलाड़ियों के लिए भविष्य के लिए शुभकामनाएं। संयम ने दिया तनवीर को जीत का श्रेय

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स्पेशल खिलाड़ी तनवीर ने बताया कि यह उनका पहला इंटरनेशनल मेडल है। इससे पहले वह स्टेट स्तर पर अपने आयुवर्ग में लगातार चैंपियन बन रहे हैं। इस जीत से वह बेहद खुश हैं। वहीं खालसा सीनियर सेकेंडरी स्कूल -35 में पढ़ने वाले बैडमिटन खिलाड़ी संयम ग्रोवर ने बताया कि इस टूर्नामेंट से पहले वह पांच साल से स्टेट व नेशनल में मेडल जीत रहे हैं। इंटरनेशनल स्तर पर यह उनका पहला मेडल है और इस प्रतियोगिता में तनवीर ने बेहद शानदार खेल का प्रदर्शन किया। गोल्ड मेडल न जीतने का मलाल, फिर भी अपने खेल से संतुष्ट

स्पेशल चाइल्ड कल्पना ने बताया कि वह बैडमिटन, हॉकी, बास्केटबॉल, थ्रो बॉल और गोल्फ जैसी प्रतियोगिताओं में अब तक 10 से ज्यादा मेडल जीत चुकी हैं। इस जीत ने मेरा हौसला बढ़ाया है अब मैं ओर ज्यादा मेहनत करूंगी। जीएमएसएसएस-16 में पढ़ने वाली अर्पिता मलिक ने बताया कि हमने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया, हम गोल्ड मेडल जीतने से चूक गए, लेकिन फिर भी अपने खेल प्रदर्शन से खुश हैं।


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