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चालान काटने के लिए मिलने वाले टैब खारिज, मिलेगी पीओएस मशीन

ऑन द स्पॉट ई चालान काटने के लिए अब नगर निगम के अतिक्रमण हटाओ दस्ते के सब इंस्पेक्टरों को टैब नहीं मिलेंगे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 07:55 AM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 07:55 AM (IST)
चालान काटने के लिए मिलने वाले टैब खारिज, मिलेगी पीओएस मशीन

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : ऑन द स्पॉट ई चालान काटने के लिए अब नगर निगम के अतिक्रमण हटाओ दस्ते के सब इंस्पेक्टरों को टैब नहीं मिलेंगे। जिन दस टैब का ऑर्डर किया गया है उसे खारिज कर दिया गया है। अब दस्ते के कर्मचारियों को ट्रैफिक पुलिस की तरह पोस (प्वाइंट ऑफ सेलिग) मशीन मिलेगी। एमसी को बैंक से 24 पीओएस मशीन मिल गई हैं। इन मशीनों को स्मार्ट सिटी कार्यालय में दस्ते के प्रयोग में आने वाली एप को डाउनलोड और सिस्टम अपलोड किया जा रहा है। इस मशीन से चालान काटने के बाद मौके पर ही रसीद दे दी जाएगी और मशीन के माध्यम से क्रेडिट और डेबिट कार्ड का प्रयोग करके जुर्माने का भी भुगतान हो पाएगा। एसमी पहले चरण में 10 मशीन अतिक्रमण हटाने वाले दस्ते को, चार एमओएच विभाग को, दो बागवानी विभाग और 10 वेंडर सेल को देगा। इन मशीनों में ईडब्ल्यूसी सॉफ्टवेयर अपलोड करने के बाद एक सिम डाली जाएगी। जिसकी 4जी स्पीड होगी। किसी भी माध्यम से भुगतान की व्यवस्था होगी। मशीनों में कैमरा लगा होने से अतिक्रमण करने वालों का फोटो खींचना भी आसान होगा। यह व्यवस्था सही रही तो आगे वेंडर सेल, पब्लिक हेल्थ में पानी के बिल, घर-घर से कचरा लेने के दौरान चालान और अन्य सुविधाओं के लिए भी मशीनों का उपयोग किया जाएगा। मालूम हो कि नगर निगम के सब इंस्पेक्टर अपने मोबाइल से इसके चालान काट रहे हैं। लेकिन मोबाइल से चालान काटने से सब इंस्पेक्टरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मोबाइल हैंग होने एक चालान काटने में दस से 15 मिनट लग जाते हैं। कई बार अतिक्रमण का सामान पकड़ने के बावजूद चालान नहीं कट पा रहे हैं। जिससे चालान की संख्या भी कम हो गई है। इसलिए नगर निगम ने सभी सब इंस्पेक्टरों को हाई स्पीड के साथ टैब देने का फैसला लिया है। पिछले माह ई-चालान का सिस्टम का उद्घाटन मेयर राजबाला मलिक ने किया था। अभी तक सभी तरह के अतिक्रमण के चालान मैनुअल ही कटते थे। लेकिन नया सिस्टम शुरू होने से मैनुअल सिस्टम पर पाबंदी लगा दी गई है। नए सिस्टम से मौके पर ही जुर्माना भुगत कर चालान भुगतने की सुविधा है।

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