चंडीगढ़ निगम के तीन हजार कर्मचारियों की जाएगी नौकरी, मेयर बोले-कोई न कोई रास्ता निकालेंगे
ऑडिट विभाग की आपत्ति के बाद अब नगर निगम ने निर्णय लिया है कि सभी आउटसोर्स कर्मचारी जेम पोर्टल के माध्यम से ही रखे जाएंगे। ऐसे में तीन हजार अस्थायी कर्मचारी बाहर हो जाएंगे।
जेएनएन, चंडीगढ़ : ऑडिट विभाग की आपत्ति के बाद अब नगर निगम ने निर्णय लिया है कि सभी आउटसोर्स कर्मचारी जेम पोर्टल के माध्यम से ही रखे जाएंगे। ऐसे में लोकसभा चुनाव के बाद नगर निगम के करीब तीन हजार अस्थायी कर्मचारी बाहर हो जाएंगे। केंद्र सरकार के नियम के अनुसार अब कोई भी सरकारी सामान और अस्थायी कर्मचारी रखे जाने हैं तो इसका टेंडर जेम (गवर्नमेंट ई मार्केङ्क्षटग) पर ही लगाया जाएगा और इसकी बिडिंग भी वहीं कंपनियां करेगी जो जेम पोर्टल में रजिस्टर्ड होंगी। ऐसे में अब चंडीगढ़ के अलावा दूसरे राज्यों के लोग भी बिडिंग कर पाएंगे।
आउटसोर्स कर्मचारियों का कार्यकाल 30 जून तक बढ़ा
ऑडिट विभाग ने नियम 149 का हवाला देते हुए सभी विंग को 31 मार्च तक सभी आउटसोर्स कर्मचारी जेम में टेंडर लगाकर रखने के लिए कहा था। आचार संहिता लगी होने के कारण अब नगर निगम ने यह निर्णय लिया है कि जो इस समय ठेकेदारों के आउटसोर्स कर्मचारी काम कर रहे हैं उनका कार्यकाल 30 जून तक बढ़ा दिया जाए। जिस पर कमिश्नर केके यादव ने मंजूरी दे दी है। मालूम हो कि यह नियम प्रशासन में भी लागू है।
सबसे ज्यादा प्रभाव सफाई कर्मचारियों पर
इस समय नगर निगम में तीन हजार कर्मचारियों की नौकरी पर तलवार लटक गई है। इनमें इंजीनियरिंग, जनस्वास्थ्य, अतिक्रमण हटाओ दस्ते और एमओएच विंग में तैनात सफाई कर्मचारी शामिल हैं। सबसे ज्यादा 1300 सफाई कर्मचारी हैं। इसके साथ ही इंजीनियरिंग विंग के 600 कर्मचारी शामिल हैं। जबकि अतिक्रमण हटाओ दस्ते में 80 बेलदार हैं। इस समय जो कंपनियां नगर निगम में कर्मचारी उपलब्ध करवा रही है उनको भी निगम ने इसकी सूचना दे दी है। यह भी कह दिया है कि वह अपनी कंपनी भी जेम में रजिस्टर्ड करवा लें। मेयर राजेश कालिया का कहना है कि कोई न कोई रास्ता निकाला जाएगा। किसी की भी नौकरी नहीं जाने दी जाएगी।
एडजस्ट करवाने का करेंगे प्रयास
नगर निगम के अनुसार जो इस समय आउटसोर्स पर कर्मचारी हैं उन्हें अब काफी अनुभव है। ऐसे में नए कर्मचारी रखने पर परेशानी होगी। ऐसे में पहले से रखे कर्मचारियों को नई कंपनियों के आने के बाद एडजस्ट करवाने का प्रयास किया जाएगा। लेकिन पहले से रखे कर्मचारियों को यह कोई पक्का आश्वासन नहीं दिया जा रहा है। इस समय भी नगर निगम को आउटसोर्स करने वाली कंपनियां बदलती है लेकिन पहले से काम कर रहे स्टाफ को नहीं बदला जाता है। पहले से तैनात अधिकतर कर्मचारियों को नई कंपनी अपने अंतर्गत ले लेती है। लेकिन यह सब कुछ अनऑफिश्यल ही होता है।