आप से अलग होकर खैहरा ने बनाई नई पार्टी, चार विधायक भी आए साथ
आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देकर सुखपाल सिंह खैहरा ने पंजाबी एकता पार्टी के नाम से नए दल का गठन किया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देकर सुखपाल सिंह खैहरा ने पंजाबी एकता पार्टी के नाम से नए दल का गठन किया है। चंडीगढ़ में पार्टी की घोषणा के दौरान आम आदमी पार्टी के विधायक पिरमल सिंह खालसा, जगदेव सिंह कमलू, नाजर सिंह मानशाहिया सहित पार्टी के निलंबित विधायक कवर संधू भी उनके साथ मौजूद रहे।
आप के चार विधायक के सुखपाल सिंह खैहरा के साथ होने से पंजाब से पार्टी के लिए भी बड़ा झटका है। इससे पंजाब विधानसभा मे आप की विपक्ष की कुर्सी भी जा सकती है, क्योंकि फूलका और खैहरा के इस्तीफा देने के बाद विधानसभा मे आप विधायको की संख्या 18 रह गई है। ऐसे में 4 और विधायक टूटते हैं तो ये संख्या 14 रह जाएगी, जबकि अकाली दल और भाजपा के विधायकों की संख्या 16 है।
चुनाव लडऩे से नहीं डरता, अपना घर फूंक दूसरों से दोस्ती कर रहे मान: खैहरा
गत दिवस खैहरा ने कहा था कि वह चुनाव लड़ने से नहीं डरते, लेकिन वह व उनके साथी बार-बार उपचुनाव करवा कर सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ नहीं डालना चाहते, लेकिन यदि आप लीडरशिप विरोधी पक्ष का ओहदा अकाली दल को देने में राजी है, तो वह व उनके साथी विधायक पद से इस्तीफा देकर यह इच्छा पूरी करने को भी तैयार हैं।
पत्रकारों से बातचीत में सांसद भगवंत मान पर लोगों का मजाक उड़ाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, 'मान बताएं कि केजरीवाल की तरफ से नशे के मामले में बिक्रम मजीठिया से माफी मांगने के फैसले से वह सहमत हैं या नहीं? पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर भगवंत मान ने ढोंग किया था। अब तक इस्तीफा स्वीकार क्यों नहीं किया गया।' भगवंत मान और अकाली दल टकसाली के अध्यक्ष रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा से मीटिंग पर तंज कसते हुए खैहरा ने कहा कि अपना घर मान फूंक कर दूसरों से दोस्ती कर रहे हैं। उन्होंने भगवंत मान और अन्य विधायकों को पंजाब डेमोक्रेटिक अलायंस का हिस्सा बनने की सलाह दी।
लुधियाना में होगा लोस चुनाव लड़ने का फैसला
खैहरा ने कहा कि पंजाब डेमोक्रेटिक अलायंस की 11 जनवरी को लुधियाना में होने वाली मीटिंग में सीटों व लोकसभा चुनाव लड़ने के बारे में फैसला होगा। आप के दर्जनों नेता इस्तीफा दे चुके हैं, इसलिए लोग तय करेंगे कि पद का भूखा कौन है। उन कहा कि सीनियर वकील एचएस फूलका की ओर से शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को बादल परिवार के कब्जे से आजाद करवाने की मुहिम चलाने का फैसला सराहनीय है।
दल-बदल कानून ने विधायकों, सांसदों को बंधुआ मजदूर बनाया
गत दिवस खैहरा ने कहा, 'मैंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इसे कानून के मुताबिक विधायक पद से भी इस्तीफा समझा जाए। यदि किसी को ज्यादा परेशानी है, तो वह मेरी सदस्यता खारिज करवाने के लिए स्पीकर को शिकायत कर सकता है।' उन्होंने कहा दल-बदल कानून ने विधायकों, सांसदों को बंधुआ मजदूर बना दिया है। यह कानून लोकतंत्र का कत्ल है और चुने हुए नुमाइंदे अपनी जमीर की आवाज से फैसला नहीं ले सकते। कांग्रेस व भाजपा ने इस कानून को इतना मजबूत कर दिया है कि पार्टियों के अध्यक्ष तानाशाह बन चुके हैं।
पद के भूखे हैं केजरीवाल: खैहरा
खैहरा ने कहा कि केजरीवाल पद के भूखे हैं। पार्टी प्रमुख बनने के लिए उन्होंने तीन बार संविधान में संशोधन कर लिया है। दिल्ली का मुख्यमंत्री होने के बावजूद वे पार्टी प्रमुख का पद छोड़ने को तैयार नहीं हैं।
आप में खैहरा का सफर
- 11 मार्च 2017 को आप से विधायक बने।
- 20 जुलाई, 2017 में नेता प्रतिपक्ष बने।
- 26 जुलाई, 2018 को पार्टी ने नेता प्रतिपक्ष पद से हटाया।
- 3 नवंबर, 2018 को पार्टी से निलंबित किया गया।
- 6 जनवरी, 2019 को आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दिया।
- 7 जनवरी, 2019 को नई पार्टी बनाने की घोषणा।
- 8 जनवरी, 2019 को पंजाबी एकता पार्टी का गठन किया।