चंडीगढ़ में हर साल में 90 लोग कर रहे Suicide, बड़ी वजह आई सामने Chandigarh News
समय रहते डिप्रेशन पर काबू पाकर इस आंकड़े को कम किया जा सकता है लेकिन इसके लिए हमें एक-दूसरे से संपर्क बढ़ाना होगा। तनाव के दौरान खुलकर बातें करनी होंगी।
चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ में हर साल 80 से 90 लोग सुसाइड कर रहे हैं। तनाव का बढ़ता स्तर इसका मुख्य कारण है। सुसाइड करने वालों में 60 प्रतिशत पुरुष और 40 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के साइकैट्री डिपार्टमेंट के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो यहां 15 साल में 1200 लोगों ने सुसाइड किया है। उनमें से 58 प्रतिशत मामलों में सुसाइड का मुख्य कारण डिप्रेशन रहा है। यह जानकारी जीएमसीएच के डायरेक्टर प्रिंसिपल डॉ. बीएस चवन ने विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर सुखना लेक पर आयोजित वॉकाथन में दी।
उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ में सुसाइड का आंकड़ा प्रति एक लाख की आबादी पर 7.5 का है। जबकि भारत में यह आंकड़ा 16.4 है। उनका कहना था कि समय रहते डिप्रेशन पर काबू पाकर इस आंकड़े को कम किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए हमें एक-दूसरे से संपर्क बढ़ाना होगा। तनाव के दौरान खुलकर बातें करनी होंगी। सुसाइड करने वाले लोगों की फैमिली हिस्ट्री लेने के दौरान ऐसे तमाम मामले सामने आए, जिसमें समय रहते जानकारी मिलने पर सुसाइड रोका जा सकता था।
कार्यक्रम में स्किट के माध्यम से सुसाइड से बचाव संबंधी जानकारी दी गई। लोगों को वर्किंग टुगेदर फॉर ए सुसाइड-फ्री सिटी का संदेश दिया गया। इस अवसर पर हुई पोस्टर प्रतियोगिता में जीएमसीएच ने 3 सर्वश्रेष्ठ पोस्टर बनाने वालों को पुरस्कृत किया।
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