कोरोना केस बढ़ने के बाद स्टूडेंट्स ने फिर संभाला मोर्चा
ट्राईसिटी और आसपास के इलाकों में कोरोना संक्रमित केस तेजी से बढ़ रहे हैं।
जासं, चंडीगढ़ : ट्राईसिटी और आसपास के इलाकों में कोरोना संक्रमित केस तेजी से बढ़ रहे हैं। इस बात को देखते हुए पंजाब यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स ने फिर से मोर्चा संभाल लिया है। मार्च माह से ही यह स्टूडेंट्स लोगों के बीच रहकर कार्य कर रहे हैं। लोगों को जागरूक करने से लेकर उनकी आर्थिक मदद तक हर कार्य में इन स्टूडेंट्स ने बढ़-चढ़ कर अपना योगदान दिया था। अब एकबार फिर से स्टूडेंट्स को टीमों में बांट कर लोगों को जागरूक करने का काम सौंप दिया गया है। एनएसएस प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. गौरव गौड़ के नेतृत्व में स्टूडेंट्स ने लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया है। इन क्षेत्रों में चंडीगढ़, पंचकूला, मोहाली समेत पंजाब और हरियाणा भी शामिल हैं। कोरोना संक्रमितों में रहकर किया काम, नहीं हुए संक्रमित
इन स्टूडेंट्स ने अपने अपने क्षेत्रों में रह कर बेहतरीन कार्य किया था। कोरोना संक्रमितों के बीच रह कर चार महीने तक स्टूडेंट्स ने उन्हें जागरूक किया था। इसमें सबसे बड़ी बात यह रही कि कोई भी स्टूडेंट्स कोरोना की चपेट में नहीं आए थे। स्टूडेंट्स ने बरवाला, राजपुरा, नया गांव से लेकर बापूधाम कॉलोनी में काम किया था। इस दौरान उन्होंने बहुत ही सतर्कता बरती थी। स्टूडेंट्स ने लोगों से उचित दूरी बनाई रखी। उसके अलावा फेस मास्क बिल्कुल नहीं उतारा। लोगों के बीच काम करते समय अपने खान-पान का ध्यान रखा। कोरोना से बचने का केवल एक ही उपाय है, जो गाइडलाइंस जारी की गई है, उसका पालन करें। अनलॉक-1 से देखा जा रहा है कि लोगों ने चेहरों पर मास्क लगाना बंद कर दिया है। लोगों को समझाना होगा कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है।
-शुभम, स्टूडेंट्स, सेंटर फॉर सोशल वर्क विभाग केस बढ़ रहे हैं। लोगों ने सोच लिया है कि सरकार सब कुछ धीरे-धीरे खोल रही है, तो कोरोना खत्म हो चुका है, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। जब तक देश में एक भी कोरोना मरीज है तब तक उसका खात्मा नहीं हो सकता। लोगों को जागरूक रहने की जरूरत है। इसके लिए वह अपने खान-पान का ध्यान रखें।
-नरेंद्र सिंह, स्टूडेंट्स, सेंटर फॉर सोशल वर्क विभाग लोगों को एक दूसरे से उचित दूरी बना कर रखनी होगी। अभी भी देखा जा रहा है कि मार्केट में लोग फिजिकल डिस्टेंसिग का पालन नहीं कर रहे है। ऐसे लोगों को समझाना होगा कि वेयह सब करके अपने साथ दूसरों की जिदगी भी खतरे में डाल रहें हैं।
-इशिता चौधरी, स्टूडेंट्स, सेंटर फॉर सोशल वर्क विभाग