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PU में 300 मजदूरों के लिए Lockdown में मददगार बने स्टूडेंट और प्रोफेसर

मजदूरों के बच्चों के लिए बिस्किट दूध से लेकर पूरे परिवार के लिए राशन और दूसरी जरूरी चीजें उपलब्ध करवाई जा रही हैं।

By Edited By: Published: Thu, 30 Apr 2020 08:47 PM (IST)Updated: Fri, 01 May 2020 03:01 AM (IST)
PU में 300 मजदूरों के लिए Lockdown में मददगार बने स्टूडेंट और प्रोफेसर
PU में 300 मजदूरों के लिए Lockdown में मददगार बने स्टूडेंट और प्रोफेसर

चंडीगढ़, [डॉ. सुमित सिंह श्योराण]। जीवन में लोगों का छोटा सा प्रयास भी दूसरों के लिए बड़ी मदद बन सकता है। पंजाब यूनिवर्सिटी के कुछ स्टूडेंट्स और प्रोफेसर बीते एक महीने से कैंपस में रहने वाले करीब 300 जरूरतमंद मजदूरों के लिए हरसंभव मदद में जुटे हुए हैं। मजदूरों के बच्चों के लिए बिस्किट, दूध से लेकर पूरे परिवार के लिए राशन और दूसरी जरूरी चीजें उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इस नेक काम में पीयू के कुछ प्रोफेसर और स्टूडेंट्स भी दिल खोल कर मदद कर रहे हैं। सेक्टर-14 और सेक्टर-25 साउथ कैंपस में कई डिपार्मेंट में आजकल कंस्ट्रक्शन का काम लॉकडाउन के कारण बंद है। लेकिन इन साइट पर रहने वाले मजदूरों के लिए बिना काम दो वक्त का खाना जुटाना भी मुश्किल है। लेकिन आजकल इनके खाने-पीने का पूरा इंतजाम कैंपस के लोग ही कर रहे हैं।

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सेंटर फॉर सोशल वर्क डिपार्टमेंट के तीन स्टूडेंट सुखदेव, नरेंद्र, शुभम के अलावा कैंपस में ई-रिक्शा चालक सुनील भी कंस्ट्रक्शन वर्करों को हर जरूरी सामान पहुंचाने में जुटे हैं। सोशल वर्क डिपार्टमेंट के ही असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. गौरव गौड़ की देखरेख में सुबह और शाम मजदूर परिवारों को जरूरी सामान पहुंचाया जाता है। कोरोना संक्रमण को लेकर मजदूरों को साफ-सफाई रखने के प्रति अवेयर भी किया जाता है। बच्चों के लिए किया दूध का इंतजाम पीयू कैंपस की कंस्ट्रक्शन साइट पर करीब 50 बच्चे परिवार के साथ रह रहे हैं। लॉकडाउन के बाद कई दिनों तक बच्चों को दूध नहीं मिल पाया। सोशल वर्क डिपार्टमेंट के स्टूडेंट्स ने मिलकर बच्चों को दूध पहुंचाने का फैसला लिया। टीम के सदस्य सुखदेव ने बताया कि रोज सुबह 50 और शाम को 100 थैली वेरका दूध वर्करों के बच्चों को भेजा जाता है। महीनेभर में करीब 90 हजार का दूध अभी तक खरीदा जा चुका है। जरूरत के हिसाब से इन परिवारों को राशन किट भी उपलब्ध करवाई गई हैं जिसमें आटा, चावल, तेल, दालें के अलावा हाईजीन से जुड़ा सामान और महिलाओं के लिए सेनिटरी पैड आदि सब शामिल हैं। राशन पर ही अभी तक करीब ढाई लाख खर्च किए जा चुके हैं।

कैंपस के लोगों ने की लाखों की मदद डॉ. गौरव ने बताया कि स्टूडेंटस और प्रोफेसर का फर्ज बनता है कि लॉकडाउन में यहां रहने वाले मजदूर परिवारों की मदद की जाए। उन्होंने कैंपस के स्टूडेंट्स, प्रोफेसर और अन्य कर्मचारियों द्वारा जरूरतमंद मजदूर परिवारों की मदद में सहयोग देने के लिए धन्यवाद किया। गौरव ने बताया कि कई प्रोफेसर मदद के लिए खुद ही आगे आ रहे हैं। डॉ. गौरव के अनुसार वह सुबह खुद कंस्ट्रक्शन साइट पर जाकर सामान बांटने जाते हैं जबकि टीम में शामिल स्टूडेंट्स शाम को यह काम करते हैं। हर परिवार का पूरा डाटा टीम के पास पीयू की टीम ने लॉकडाउन में फंसे मजदूर परिवारों की मदद के लिए पूरा सिस्टम तैयार किया है। सभी मजदूर परिवारों का पूरा रिकॉर्ड तैयार किया गया। किसी भी समय मदद के लिए खास हेल्पलाइन नंबर लोगों को दिए गए हैं। सभी की हेल्थ चिकित्सा का इंतजाम भी पीयू स्टूडेंट्स की टीम करती है। तीन से चार दिन बाद सभी को राशन किट उपलब्ध करवाई जाती है। वॉलंटियर्स ने आपस में मजदूरों का एरिया बांटा हुआ है। फोन पर भी लगातार इनसे संपर्क रखा जाता है। स्टूडेंट सुखदेव ने बताया कि सामान बांटते हुए भी फिजिकल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जाता है। आप भी दैनिक जागरण की हेल्पलाइन नंबर 781419700 पर संपर्क कर इन परिवारों की मदद कर सकते हैं।


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