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छुट्टियों के चलते पीयू में पसरा सन्नाटा, छात्र नेता बोले-इस बार कम होगी वोटिंग

पंजाब यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव 6 सिंतबर को होने हैं लेकिन सिंतबर के पहले पाच दिन में से चार दिन की छुंिट्टयों होने के चलते छात्र नेताओं का सारा गणित बिगड़ गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Sep 2018 11:26 AM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2018 11:59 AM (IST)
छुट्टियों के चलते पीयू में पसरा सन्नाटा, छात्र नेता बोले-इस बार कम होगी वोटिंग
छुट्टियों के चलते पीयू में पसरा सन्नाटा, छात्र नेता बोले-इस बार कम होगी वोटिंग

डॉ रविंद्र मलिक, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव 6 सिंतबर को होने हैं लेकिन सिंतबर के पहले पाच दिन में से चार दिन की छुंिट्टयों होने के चलते छात्र नेताओं का सारा गणित बिगड़ गया है। सभी संगठनों के नेताओं का कहना है कि छुट्टी होने के चलते इस बार वोटिंग कम होगी। सबसे ज्यादा दिक्कत 5 सिंतबर को छुंट्टी होने के चलते है, क्योंकि इस दिन पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन का धरना है और सभी टीचर्स केजुअल लीव पर होंगे। 1 से 3 सितंबर तक छुंट्टी हैं। महज 4 सितबंर को यूनिवर्सिटी खुलनी है। 6 सितंबर को चुनाव होने हैं। छात्र संगठनों में इसको लेकर खासी नाराजगी है कि पीयू प्रशासन चाहता तो चुनावों डेट को बदला जा सकता था, लेकिन जानबूझकर ऐसा नहीं किया गया। इस बार पिछले साल की तुलना में करीब 300 वोट भी कम हुए हैं। बन सकता है सबसे कम वोटिंग का रिकॉर्ड

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साल 2010 से लेकर अब तक सबसे कम वोटिंग साल 2011 में हुई। उस साल वोटिंग प्रतिशत 56 फीसद रहा। इस बार छुट्टियों को देखते हुए नया रिकॉर्ड बनना तय है। टेंट और हॉस्टल वीरान

संगठनों के टेंट भी खाली दिखाई पड़ रहे हैं। रविवार को एनएसयूआइ के टेंट में कुछेक ही सदस्य नजर आए तो पुसू का टेंट पूरी तरह खाली रहा। एबीवीपी के टेंट में शाम तक खालीपन ही रहा। बाद में सहयोगी दल इनसो के सदस्य नजर आए। सोई ने तो टेंट लगाया ही नहीं। कई दिन की छुंट्टी होने के चलते स्टूडेंट्स घर चले गए हैें। ज्यादातर हॉस्टल में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा है। कैंटीन व स्टूडेंट सेंटर भी खाली

लगातार चल रही छुंिट्टयों का असर रविवार को हर जगह देखने को मिला। हर समय चहल पहल व रौनक से सरोबार रहने वाले स्टूडेंट्स सेंटर पर भी इक्का दुक्का स्टूडेंट्स नजर आए। फिजिक्स, केमिस्ट्री और जूलॉजी कैंटिंस में भी स्टूडेंट्स नहीं थे। छात्र नेताओं में इसको लेकर काफी निराशा दिखी कि जब वोटर्स ही नहीं हैं तो प्रचार कहा करें और किसके सामने संगठन के काम व नीतियों के बारे में बताएं।

पीयू में 2010 से अब तक पोलिंग आकंड़े

साल पोलिंग प्रतिशत

2010 60

2011 56

2012 61

2013 68

2014 59

2015 57

2016 67

2017 62


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