Move to Jagran APP

स्कूल बस में सभी सीटों पर सीट बेल्ट पर एसटीए को आपत्ति

स्कूल बस की सभी सीटों पर सीट बेल्ट के प्रावधान पर स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (एसटीए) ने अपनी आपत्ति दर्ज करा दी है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Tue, 13 Nov 2018 04:00 PM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 05:32 PM (IST)
स्कूल बस में सभी सीटों पर सीट बेल्ट पर एसटीए को आपत्ति
स्कूल बस में सभी सीटों पर सीट बेल्ट पर एसटीए को आपत्ति

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़: स्कूल बस की सभी सीटों पर सीट बेल्ट के प्रावधान पर स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (एसटीए) ने अपनी आपत्ति दर्ज करा दी है। सोमवार को सेक्रेटरी ट्रांसपोर्ट ने ट्रैफिक से जुड़े मुद्दों पर अधिकारियों की मीटिंग बुलाई थी। जिसमें एसटीए के अधिकारियों ने स्कूल बसों में सभी सीटों पर सीट बेल्ट अनिवार्य करने पर अपना जवाब दिया। एसटीए ने किसी एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि स्कूल बस में सभी सीटों पर सीट बेल्ट अनिवार्य नहीं किया जा सकता। इस एक्ट में ऐसा प्रोविजन नहीं है। 8 सीटर बस तक सीट बेल्ट हो सकती है। बता दें कि सितंबर में रोड सेफ्टी काउंसिल की मीटिंग में स्कूली बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए बसों की रियर फेसिंग सीटों पर सीट बेल्ट लगाने का मुद्दा उठा था। इस पर स्कूलों से भी सुझाव मांगे गए थे। इस मामले पर एसटीए से तकनीकी और लीगल बातों का ध्यान रख जवाब मांगा गया था।

loksabha election banner

एंबुलेंस की राह आसान बनाने पर भी चर्चा

इस मीटिंग में एंबुलेंस की राह आसान बनाने पर भी चर्चा हुई। जिसमें जल्द से जल्द एंबुलेंस को जीपीएस सिस्टम से जोड़कर डेशबोर्ड के हिसाब से चलाने पर फैसला लिया गया। जिससे एंबुलेंस को ट्रैक कर उसके आगे पहले ही रोड को क्लीयर कराया जा सके। जिससे उसे ट्रैफिक में न फंसना पड़े। डेशबोर्ड से इमरजेंसी में बेड की उपलब्धता और स्पेशलिटी बेड, क्षमता और ओक्यूपेंसी टेबल दिखेगी। जिससे ड्राइवर यह अंदाजा लगा सकता है कि मरीज को किस अस्पताल में पहुंचाना उचित होगा। अभी अधिकतर एंबुलेंस का आना-जाना मध्य और दक्षिण मार्ग से रहता है। जिस कारण इन्हें सुबह-शाम के वक्त जाम में फंसना पड़ता है। इस मीटिंग में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर करने पर भी चर्चा हुई। जिसमें बसों की संख्या बढ़ाने से लेकर लाइट रेल और मोनो रेल पर भी चर्चा हुई। बताया जा रहा है कि प्रशासन अगले कुछ दिनों में मोनो रेल पर प्रेजेंटेशन के लिए एक कंपनी को बुला सकता है।

दो साल पहले सामने आया था बच्चे की पिटाई का मामला

उल्लेखनीय है कि लगभग दो साल पहले सुर्खियों में आए इस मामले में विवेक हाई स्कूल में सातवीं कक्षा के एक विद्यार्थी की पिटाई की बात सामने आई थी। बच्चे की सख्त पिटाई के खिलाफ मामला चंडीगढ़ अदालत पहुंचा था, जिस पर अदालत ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ एफआइआर दर्ज किए जाने के आदेश दिए थे। बच्चे के पिता ने आरोप लगाया था कि उनके पुत्र को स्कूल में इतना मारा गया कि उसकी सुनने की क्षमता पर भी दुष्प्रभाव पड़ा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.