Punjab University में मां-बेटा एक ही मंच पर उपराष्ट्रपति से हासिल करेंगे डिग्री
पंजाब यूनिवर्सिटी के 68वें दीक्षा समारोह में पहली बार मां और बेटे को एक ही मंच पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू डिग्री प्रदान करेंगे।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब यूनिवर्सिटी के 68वें दीक्षा समारोह में पहली बार मां और बेटे को एक ही मंच पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू डिग्री प्रदान करेंगे। यह पहली बार है कि एक ही मंच पर मां देवेंद्रजीत कौर को पीएचडी और उनके बेटे राजा सनमान वीर सिंह को बीए एलएलबी की डिग्री मिलेगी। 28 अप्रैल को पीयू के जिमनेजियम हॉल में अंडर ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और पीएचडी के स्टूडेंट्स को डिग्री सहित गोल्ड मेडल और मेरिट सर्टिफिकेट से 1301 स्टूडेंट्स को सम्मानित किए जाएंगे। वहीं इस मौके पर लोकसभा चुनाव में पंजाब के लुधियाना से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार तेजपाल भी पीएचडी की डिग्री हासिल करेंगे।
जीसीजी-11 में कार्यरत है देवेंद्रजीत कौर
देवेंंद्रजीत कौर जीसीजी-11 में पंजाबी विभाग में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर कार्यरत हैं। उनका बेटा बीए एलएलबी पंजाब यूनिवर्सिटी से कर रहा है। मां देवेंद्रजीत कौर ने बताया कि उन्होंने दो साल पहले पीएचडी शुरू की थी। उस समय मेरी उम्र 54 साल की थी। मैं आधुनिकता से पूरी तरह से दूर थी। बेटे ने मुझे कंप्यूटर और मोबाइल पर टाइप करना सिखाया। वहीं पति ने भी मुझे मोटीवेट गाइड के तौर पर प्रेरित किया।
सोपू से शुरू हुई थी राजनीति, आज मिल गई पीएचडी
आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार तेजपाल सिंह ने बताया कि 2007 में पीयू में एडमिशन लिया था। उस समय मैंने सोपू पार्टी को ज्वॉइन किया। 2012 में जब एनएसयूआइ और पुसू जैसी पार्टियां आई तो मैंने राजनीति छोड़ दी। राजनीति के समय में मैने कई बार जेल का विजिट किया। इसमें मुझे जेल की कई खामियां और खूबियां मिली। मैने उसी को पीएचडी करने का विषय चुन लिया। पीएचडी में मेरा विषय जेल ऑर्गेनाइजेशन एंड मॉर्डन जेल रहा और मैं उसी में रिसर्च करके डिग्री हासिल करने जा रहा हूं।
एक कॉलेज, एक विभाग के दो प्रोफेसर को मिलेगी डिग्री
वहीं दीक्षांत समारोह में पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज फॉॅर गल्र्स सेक्टर-42 के दो असिस्टेंट प्रोफेसर को भी पीएचडी की डिग्री मिलेगी। फिजिकल एजुकेशन विभाग के राम निवास यादव ने ओलंपियन राम सिंह पर जबकि इसी विभाग के वनिश कुमार ने अंजु दुआ पर रिसर्च की है। राम निवास यादव ने कहा कि राम सिंह और उनके कोच मोहम्मद इलियास बाबर का जीवन हर खिलाड़ी और कोच के लिए प्रेरणादायक है। कोच की बदौलत राम सिंह ने तीन बार गोल्ड मेडल भारत की झोली में डाले थे। वहीं वनिश कुमार ने अंजु दुआ पर रिसर्च की है। उन्होंने कहा कि अंजु सुनने और बोलने में अक्षम थी लेकिन उसने जिमनास्टिक में नॉर्मल कैटेगरी में परफार्म किया और 1984 से 91 तक नेशनल प्लेयर रही है, जिसके लिए उन्हें अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
कंवरदीप सिंह ने सिख धर्म पर की रिसर्च, मिलेगी पीएचडी की डिग्री
पंजाब के गुरदासपुर जिले के बारूवालिया गांव के कंवरदीप सिंह ने नशा छोड़कर सिख पहचान और सिख संस्थानों पर काम किया है। इसपर कंवरदीप को पीएचडी में डिग्री मिलेगी। उन्होंने बताया कि गुरदासपुर में नशा हर घर में है लेकिन मैने उस नशे को छोड़कर सिख धर्म को नशे के रूप में इस्तेमाल किया है। मैने अकाल तख्त और एसजीपीसी पर काम किया है। यह दोनों ही सिख संस्थान राजनीति के प्रभाव में आकर काम कर रहे हैं। इसके कारण हमारे धर्म में जाति-पाति घुस चुकी है जो कि हमारे गुरु ग्रंथ साहिब में नहीं है।
डॉ. सुधा मूर्ति नहीं लेंगे दीक्षा समारोह में भाग
दीक्षा समारोह में डिग्री इन लिटरेचर के लिए नॉमिनेट की गई डॉ. सुधा मूर्ति नहीं पहुंच रही है। उल्लेखनीय है कि उनको लिटरेचर की डिग्री देने पर सीनेटर चमन लाल ने आपत्ति जताई थी। यह विरोध 22 अप्रैल को हुई सीनेट की स्पेशल बैठक में सामने आया था। सूत्रों की माने तो डॉ. सुधा मूर्ति इसी कारण से डिग्री लेने नहीं पहुंच रही है। उल्लेखनीय है कि डॉ. मूर्ति इनफोसिस की ट्रस्टी हैं और सोशल वर्कर भी हैं। इसके साथ ही उन्होंने कन्नड़ में कुछ पुस्तकें लिखी है लेकिन उन्हें साहित्य में जगह नहीं मिली है।