स्नेचिंग पर होगी दस साल की सजा, संशोधन के लिए केंद्र से मंजूरी लेगा प्रशासन: Chandigarh News
स्नेचिंग पर दस साल की सजा दिलाने के लिए प्रशासन हरियाणा का तरीका अपनाएगा। इसके लिए आइपीसी को सीआरपीसी में संशोधन कराने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी ली जाएगी।
जेएनएन, चंडीगढ़। चेन स्नेचर्स को स्नेचिंग पर दस साल की सजा दिलाने के लिए प्रशासन हरियाणा का तरीका अपनाएगा। इसके लिए आइपीसी को सीआरपीसी में संशोधन कराने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी ली जाएगी। संशोधन होने के बाद प्रशासन दोबारा से इसकी नोटिफिकेशन जारी करेगा। इसके बाद ही स्नेचर्स को दस साल की सजा स्नेचिंग पर दिलाई जा सकेगी। वीरवार को प्रिंसिपल सेक्रेटरी होम एके गुप्ता ने डीजीपी संजय बेनिवाल से मीटिंग की। डीजीपी ने सीआरपीसी नहीं होने के कारण इस मामले में स्नेचिंग के अपराधियों को दस साल की सजा दिलाने में अड़चन बताया।
दोनों अधिकारियों ने चर्चा के बाद इसे संशोधित कराने के लिए केंद्र सरकार को भेजने का फैसला लिया है। स्नैचर्स को दस साल की सजा देने के लिए जो एक्ट भारत सरकार ने बताया है। इस एक्ट में इंडियन पैनल कोड के तहत सजा का प्रावधान किया गया है। जबकि इसे सीआरपीसी में संशोधिन किए बिना यूटी प्रशासन लागू नहीं कर सकता। इसी वजह से अब यूटी प्रशासन सीआरपीसी के तहत इसमें धारा जुड़वाने के लिए केंद्र सरकार को लिखेगा। प्रिंसिपल सेक्रेटरी होम एके गुप्ता ने बताया कि स्नेचिंग में दस साल की सजा देने के लिए आइपीसी के साथ सीआरपीसी में भी संशोधन जरूरी है। इसलिए संशोधन के लिए इसे केंद्र सरकार से आग्रह किया जाएगा।
हरियाणा कर चुका है लागू
हरियाणा आइपीसी को सीआरपीसी में संशोधिन कराकर इसे लागू कर चुका है। हरियाणा ने भी इसे लागू करने के लिए संशोधिन कराया है। जिसके बाद अब हरियाणा में स्नेचिंग पर अधिकतम दस साल तक की सजा का प्रावधान है। इसी तर्ज पर अब चंडीगढ़ भी इसे संशोधन के लिए भेज रहा है।
चंडीगढ़ में बढ़ रहीं वारदातें
चंडीगढ़ में आए दिन स्नेचिंग की वारदातें हो रही हैं। पार्क, मार्केट घरों के लॉन तक में स्नेचिंग हो रही है। स्नेचर्स महिलाओं और बुजुर्गो को सबसे ज्यादा निशाना बनाते हैं। स्नेचिंग बढ़ने का कारण यह है कि पकड़े जाने के बाद भी वह कुछ दिनों में जमानत पर बाहर आ जाते हैं। उन्हें कोई डर नहीं रहता है। इस वजह से बाहर आते ही फिर स्नेचिंग करने लगते हैं।
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